रक्षा मंत्री सीतारमण बोलीं, 'यूपीए सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को लाभ से वंचित रखा'
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रक्षा मंत्री सीतारमण बोलीं, 'यूपीए सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को लाभ से वंचित रखा'

सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमा पर संघर्ष और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जान गंवाने वाले सीएपीएफ के दिवंगत जवानों के परिजनों की क्षतिपूर्ति राशि 2016 में 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दी थी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों के ‘‘शहीदों’’ को बरसों तक लाभ से वंचित रखा लेकिन मोदी सरकार ने आखिरकार उन्हें लाभ प्रदान किये. रक्षा मंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि तीन मार्च 2011 को यूपीए-दो सरकार में गृह मंत्रालय ने ड्यूटी पर जान गंवाने वाले केन्द्रीय सैन्य पुलिस बलों के जवानों को शहीद घोषित करने के लिए एक कैबिनेट नोट पेश किया था. बाद में, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय ने इस मामले को 14 मार्च 2011 को सचिवों की समिति के पास भेज दिया.

रक्षामंत्री ने कहा, ‘‘इसके बाद, 14 सितंबर 2011 को सचिवों की समिति की बैठक में ड्यूटी पर जान गंवाने वाले सीएपीएफ जवानों को शहीद का दर्जा देने पर आम सहमति पर नहीं पहुंची. इसके बाद, इस मामले को भारत सरकार ने खत्म कर दिया और इस पर फिर विचार नहीं किया गया.’’ 

सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमा पर संघर्ष और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जान गंवाने वाले सीएपीएफ के दिवंगत जवानों के परिजनों की क्षतिपूर्ति राशि 2016 में 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दी थी. मंत्री ने कहा कि हिंसा की घटनाओं में मौत पर मुआवजा बढाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है. यह उनके कुल भत्तों के अतिरिक्त है.

(इनपुट भाषा से)

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