Delhi: कोरोना संक्रमितों के लिए अब प्राइवेट अस्पताल में रिजर्व होंगे सिर्फ 60% ICU बेड
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Delhi: कोरोना संक्रमितों के लिए अब प्राइवेट अस्पताल में रिजर्व होंगे सिर्फ 60% ICU बेड

रोजाना मिलने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट आने के बाद दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए ICU बेड रिजर्व करने के अपने आदेश में बदलाव किया है. अब रिजर्व बेड की संख्या को घटाकर 80 प्रतिशत से 60 प्रतिशत कर दिया गया है. 

Delhi: कोरोना संक्रमितों के लिए अब प्राइवेट अस्पताल में रिजर्व होंगे सिर्फ 60% ICU बेड

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में बीते कुछ दिनों से नए कोरोना संक्रमित केसों (Coronavirus) में भारी कमी आई है. जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व आईसीयू बेडों (ICU Beds) की संख्या को 80 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी करने का फैसला किया है.

गौरतलब है कि दिवाली के समय दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. जिसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के 80 फीसदी आईसीयू बेडों को कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया था. उस वक्त दिल्ली के 33 प्राइवेट अस्पतालों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका डाली थी.  

अब सिर्फ 60% ICU बेड होंगे रिजर्व

आज इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट की वेकेशन बेंच ने की. इस दौरान दिल्ली सरकार ने हलफनामा दाखिल करते कोर्ट में बताया कि वे प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किए गए 80 फीसदी आईसीयू बेडों की संख्या घटाकर 60 फीसदी करने के लिए तैयार हैं. बताते चलें कि 24 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 'रिव्यू कमेटी' की सिफारिशों को शामिल करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद 26 दिसंबर को रिव्यू करने के लिए एक बैठक हुई थी, जिसमें नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल और एम्स के डायरेक्ट रणदीप गुलेरिया को भी शामिल किया गया था. 

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बैठक में की गईं ये सिफारिशें

इस दौरान वीके पॉल और डॉ गुलेरिया दोनों ने ही इस बात की सिफारिश की थी कि नॉन कोविड मरीजों के लिए दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों के 20 फीसदी बेड बढ़ाए जाने चाहिए. गुलेरिया ने बताया कि दिल्ली में कोविड के मामलों में कमी आने की वजह से आईसीयू बेड में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी 23 फीसदी गिरावट आई है. दोनों डॉक्टरों ने इस बात की भी सिफारिश की है कि 15 जनवरी तक स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि उस दौरान नया साल भी निकल चुका होगा और ब्रिटेन से आए नए कोरोना वेरिएंट का भी मूल्यांकन किया जा सकेगा. 

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5 जनवरी को होगी रिव्यू मीटिंग

यानी नए साल के दौरान अगर कोविड मरीजों की संख्या में कोई बढ़ोतरी होती है, तो 15 जनवरी तक बैठक करके हालात की समीक्षा की जा सकती है. जिससे यह साफ हो सके कि क्या आगे भी प्राइवेट अस्पतालों के 60 फीसदी आईसीयू बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने की जरूरत है या नहीं. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोरोना पर रिव्यू मीटिंग 5 जनवरी को दोबारा की जाएगी. जिसके बाद कोर्ट ने मीटिंग की जानकारी देने के आदेश दिए. 8 जनवरी तक के लिए इस मामले की सुनवाई टाल दी.

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