चंडीगढ़ में बढ़े पानी के रेट, नगर निगम की मीटिंग में प्रस्ताव पारित
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चंडीगढ़ में बढ़े पानी के रेट, नगर निगम की मीटिंग में प्रस्ताव पारित

नगर निगम ने पानी का रेट बढ़ाकर लोगों को नए साल पर तोहफे के रूप में झटका दिया है.

चंडीगढ़ नगर निगम ने पानी के दाम बढ़ा दिए हैं.
चंडीगढ़ नगर निगम ने पानी के दाम बढ़ा दिए हैं.

चंडीगढ़: नगर निगम ने पानी का रेट बढ़ाकर लोगों को नए साल पर तोहफे के रूप में झटका दिया है. चंडीगढ़ नगर निगम ने पानी के दाम बढ़ा दिए हैं. नगर निगम की बैठक में यह फैसला लिया गया. अब चंडीगढ़ के वासियों को पानी के लिए 2 से 4 गुना तक पानी के ज्यादा दाम देने होंगे. पानी के दाम अलग-अलग कैटेगरीज के लिए अलग अलग होंगे.

इस बारे में बात करते हुए चंडीगढ़ के मेयर राजेश कालिया ने कहा कि नगर निगम के घाटे को पूरा करने के लिए पानी के दाम बढ़ाए जाने जरूरी थे. लेकिन नगर निगम अभी भी नो प्रॉफिट नो लॉस पर काम कर रहा है. ताकि लोगों को अच्छी सुविधाएं भी दी जा सके और नगर निगम को नुकसान भी ना हो. साथ ही उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए समय-समय पर दामों में वृद्धि करनी जरूरी होती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी पार्षद नगर निगम के हर कदम का विरोध करते हैं. क्योंकि उन्हें शहर के विकास से ज्यादा राजनीति महत्वपूर्ण लगती है.

हालांकि कांग्रेस पार्टी के पार्षदों का कहना था कि नगर निगम ने यह वादा किया था कि जब तक चंडीगढ़ के लोगों को 24 घंटे सप्लाई का पानी मुहैया नहीं करवाया जाता तब तक पानी के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे. लेकिन अब पानी के दाम बढ़ाकर नगर निगम लोगों के साथ धोखा कर रहा है.

मेयर ने बताया उन्होंने यह कहा था कि जब तक वे चंडीगढ़ में 29 एमजेडी का पानी नहीं लाते तब तक पानी के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे लेकिन अब नगर निगम शहर में 29 एमजेडी का पानी ला चुका है इसी वजह से दाम बढ़ाए जा रहे हैं जल्दी ही चंडीगढ़ में 24 घंटे पानी की सुविधा भी मुहैया करवा दी जाएगी. पानी के दामों को लेकर नगर निगम की मीटिंग में काफी हंगामा भी हुआ कांग्रेस के पार्षदों ने मीटिंग का बहिष्कार भी किया. पार्षद दविंदर बबला ने कहा लोगों पर बोझ डालने की बजाय पहले नगर निगम डिफॉल्टरों से पैसे वसूले.

पानी के नए दाम
स्लैब छोटी करके पानी का रेट इस तरह बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस समय सबसे छोटी पानी की स्लैब में 15 किलोलीटर तक की कैटेगरी शामिल है. जिसमें दो रुपये के हिसाब से पानी का शुल्क चार्ज किया जाता है लेकिन जो अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें सबसे छोटी स्लैब शून्य से दस किलोलीटर पानी का प्रयोग करने वालों की कर दी है जिसका रेट भी चार रुपये कर दिया है.

इसके बाद की स्लैब इस समय 16 से 30, उसके बाद 31 से 60 किलोलीटर और चौथी स्लैब में 60 किलोलीटर से ज्यादा का पानी का प्रयोग करने वालों की है. लेकिन बनाए गए प्रस्ताव में दूसरी स्लैब 11 से 20, तीसरी स्लैब 21 से 40 और चौथी स्लैब में 40 किलोलीटर से ऊपर पानी का प्रयोग करने वालों की कर दी है.

नगर निगम के अनुसार, साल 2011 से पानी के रेट रीवाइज नहीं हुए हैं. जिस कारण हर साल घाटा बढ़ता जा रहा है और अधिकारियों ने दावा किया है कि अगर रेट बढ़ जाए तो हर साल होने वाला घाटे को पूरा किया जा सकेगा.

वॉटर टैरिफ के अलावा शहरवासियों को प्रॉपटी टैक्स में 20 से 25 प्रतिशत ज़्यादा अदा करना पड़ेगा, इसके साथ ही वॉटर बायलॉज में संशोधन का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया. इसमें जिन घरों में कर्मिशयल गतिविधियों ढाबें, दुकान य टिफिन सर्विस जैसे कार्य हो रहे हैं, उनसे पानी का घरेलू की बजाए कर्मिशयल चार्ज वसूला जाएगा. वहीं,ऊपर से तीस प्रतिशत सीवरेज सेस की नोटिफिकेशन पहले ही हो चुकी है.

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