प्‍लास्‍ट‍िक से मुक्‍त कराने की मुहिम बनी क्रॉकरी बैंक, सोशल मीडिया पर जमकर बटोरी सुर्ख‍ियां
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प्‍लास्‍ट‍िक से मुक्‍त कराने की मुहिम बनी क्रॉकरी बैंक, सोशल मीडिया पर जमकर बटोरी सुर्ख‍ियां

क्रॉकरी बैंक ने दिल्ली-एनसीआर को प्लास्टिक मुक्त करने का जिम्मा उठाया है. क्राकरी बैंक सोशल मीडिया के ज़रिए जुड़े लोगों का एक मिला जुला प्रयास है, जो अब तक 2 लाख से भी ज़्यादा प्लास्टिक के बर्तन के इस्तेमाल होने से रोक पाया है.

 

द‍िल्‍ली और एनसीआर के कई लोग इस क्रॉकरी बैंक से जुड़े हैं.

नई दिल्‍ली: अब तक आपने रोटी बैंक, क्लॉथ बैंक और वाटर बैंक के बारे में सुना होगा, लेकिन अब क्रॉकरी बैंक ने दिल्ली-एनसीआर को प्लास्टिक मुक्त करने का जिम्मा उठाया है. 62 साल की सविता नोएडा के सेक्टर 15 A में रहती हैं. जब भी इनके क्रोकरी बैंक से बर्तन उधार लेने के लिए फ़ोन आता है, ये ज़रूरत के हिसाब से बर्तन गिन कर रख देती हैं. ये बर्तन आगे किटी पार्टी, बर्थडे, लंगर और घर के छोटे बड़े फंक्शन में इस्तेमाल होते हैं. इस सबके लिए ये क्रॉकरी बैंक कोई पैसा नहीं लेता, लक्ष्य सिर्फ इतना है कि किसी भी पार्टी में प्लास्टिक, थर्माकोल के बर्तन इस्तेमाल न हों.

क्रॉकरी बैंक में वालंटियर सविता भाटिया का कहना है कि गरम खाना प्लास्टिक में खाने से शरीर मे कई बीमारियां होती हैं. ये ही प्लास्टिक जब जलाया जाता है तो पर्यावरण को इससे नुकसान पहुंचता है. इस पहल का मकसद लोगों को जागरूक करना है. लोग सोचते हैं कौन बर्तन लाएगा फिर धोएगा और वापस करेगा, लेकिन वह ये नहीं सोचते कि जो पैसा आप डिस्पोजेबल बर्तन खरीदने में खर्च करते हैं उससे बर्तन धुलवा सकते हैं.

क्राकरी बैंक कोई संस्था नहीं बल्कि सोशल मीडिया के ज़रिए जुड़े लोगों का एक मिला जुला प्रयास है, जो अब तक 2 लाख से भी ज़्यादा प्लास्टिक के बर्तन के इस्तेमाल होने से रोक पाया है. सड़कों पर प्लास्टिक और थर्माकोल के बर्तन पड़े दिखना आम बात है. इसका असर न सिर्फ पर्यावरण पर पड़ता है बल्कि प्लास्टिक में खाने से हमारे स्वास्थ पर भी बुरा असर पड़ता है. यही कारण है कि गुरुग्राम से शुरू हुआ ये बैंक न सिर्फ दिल्ली में बल्कि नोएडा समेत पूरे एनसीआर में कई लोग क्रोकरी बैंक के साथ जुड़े हैं.

क्रॉकरी बैंक से बर्तन लेना आसान है, क्रोकरी बैंक फ़ॉर एवरीवन के नाम से इनका सोशल मीडिया पेज है, जिस पर जाकर आप इन्हें मेसेज या कॉल कर सकते हैं. आपको अपनी लोकेशन बतानी है और आपकी जगह से हिसाब से सबसे नजदीकी वालेंटियर आपको मिल जाते हैं. ये पूरा आईडिया टेक-यूज़-वाश-रिटर्न पर आधारित है. जिसका मतलब है आप बर्तन ले जाएं उसे इस्तेमाल करें, धोएं और वापस कर दें.

दिल्ली के राजौरी गार्डन में रहने वाली प्रगति अब तक 40 से ज़्यादा लोगों को प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल करने की बजाय अपने क्रॉकरी बैंक से बर्तन दे चुकी हैं. उनका कहना है कि दिल्ली में इतना प्रदूषण है, यहां लोग फंक्शन करते हैं और बहुत प्लास्टिक इस्तेमाल करते हैं. प्रगति पिछले 7 महीनों से इस मुहिम का हिस्सा हैं और लोगों को ये आईडिया काफी पसंद आ रहा है. क्रॉकरी बैंक से बर्तन ले जा चुके नवनीत कहते हैं, पहले हम भी डिस्पोजेबल या प्लास्टिक प्लेट्स का ही इस्तेमाल करते थे. अब जब हमारे पास ये विकल्प है तो हमे प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, और हमे देखकर दूसरे लोग भी सीखते हैं.

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