निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए इस 'स्पेशल' ऑफिसर को बुलाया गया
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निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए इस 'स्पेशल' ऑफिसर को बुलाया गया

कैदियों के बीच में इस डिप्टी जेलर को बाउंसर के नाम से जाना जाता है. कैदी इनका नाम सुनते ही थर-थर कांपने लगते हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दी जाएगी. फांसी देते वक्त जेल सुपरिटेंडेंट के अलावा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, मेडिकल ऑफिसर, जल्लाद और डिप्टी जेल सुप्रिटेंडेंट भी मौजूद होंगे. बता दें कि तिहाड़ की जेल नंबर 3 में दी जाने वाली फांसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन ने खासतौर पर मंडोली जेल के डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा को बुलाया है. कैदियों के बीच बाउंसर के नाम से पहचान रखने वाले दीपक शर्मा को देखकर ही कैदी थर-थर कांपते हैं.

  1. दीपक शर्मा को कैदी बाउंसर कहते हैं
  2. 4-5 घंटे जिम में वर्कआउट करते हैं
  3. जेल में बंद कैदी इस जेलर से खौफ खाते हैं 

क्या है दीपक शर्मा की कहानी?

दिल्ली की मंडोली जेल के इस जेलर के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. किसी फिल्मी हीरो को भी मात देने वाली फिजिक के है मालिक दीपक शर्मा नाम के इस असिस्टेंट जेलर को जेल में बाउंसर के नाम से जाना जाता है. वजह है इनका फौलादी शरीर, 48 इंच की छाती, साढ़े 18 इंच के बाइसेप्स और 30 इंच की कमर के साथ बेहद गठीला बदन. दीपक शर्मा अपनी व्यस्त नौकरी के बावजूद भी रोजाना सुबह-सुबह 4-5 घंटे जिम में वर्कआउट करते हैं.

 

बता दें कि दिल्ली के यमुना विहार के रहने वाले दीपक शर्मा का जन्म दिल्ली में हुआ. इनकी शुरुआती शिक्षा कश्मीरी गेट के गुजराती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुई. यहां से 12वीं पास करने के बाद साल 2004 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एडमिशन लिया. फिर 2007 में बीए पास करने के बाद 2009 में दिल्ली पुलिस में चुने गए और तिहाड़ जेल में बतौर असिस्टेंट जेलर भर्ती हो गए.

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गौरतलब है कि तब तक दीपक शर्मा एक सामान्य से दिखने वाले आदमी थे. लेकिन 2013 से उनका फिटनेस की तरफ झुकाव हुआ. फिर 2015 से उन्होंने बॉडीबिल्डर बनने का तय किया. इसके बाद रोज करीब 4 से 5 घंटे जिम में पसीना बहाने के बाद उन्होंने इतना बलशाली शरीर बनाया.

ज़ी न्यूज़ से बातचीत में जेलर दीपक शर्मा ने बताया, "वो हमेशा से सोचते थे कि लोगों के मन में वर्दी वालों को लेकर अलग सोच थी, मैं उस सोच को बदलूंगा. इसीलिए कड़ी मेहनत से मैंने बॉडी बनाई है और इसी वजह से जेल में सभी मुझे बाउंसर बुलाते हैं. देश भर में अभी तक मैं 11 प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुका हूं और कई मेडल भी जीते हैं."

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बता दें कि दीपक शर्मा ने अभी तक मिस्टर दिल्ली, मिस्टर यूपी, मिस्टर हरियाणा, वाईएमसीए में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. इसके अलावा आयरन मैन ऑफ दिल्ली और स्टील मैन ऑफ इंडिया में भी सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. पिछले साल ही दीपक शर्मा ने मिस्टर इंडिया में गोल्ड मैडल जीता है. हाल ही में उन्होंने मिस्टर ऑल इंडिया सिविल सर्विस प्रतियोगिता में भी ब्रॉन्ज मैडल जीता है. इस प्रतियोगिता में 25 राज्यों के सिविल सर्विस के ऑफिसरों ने भाग लिया था. जेलर दीपक शर्मा की कड़ी मेहनत ने अब बाकी वर्दी वालों के लिए भी नजीर पेश कर दी है.

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