जींद उपचुनाव भाजपा, इनेलो, कांग्रेस, जेजेपी के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं
Advertisement
trendingNow1491814

जींद उपचुनाव भाजपा, इनेलो, कांग्रेस, जेजेपी के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं

इस उपचुनाव को मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर जनमत संग्रह और लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है.

फाइल फोटो

जींदः हरियाणा की जींद विधानसभा के लिए 28 जनवरी को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी इनेलो, कांग्रेस और नवगठित जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है और सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है.

इस उपचुनाव को मनोहर लाल खट्टर की सरकार पर जनमत संग्रह और लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. इनेलो विधायक हरि चंद मिड्ढा के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया है.

इस चुनाव में कांग्रेस ने जाट नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जेजेपी ने दिग्विजय सिंह चौटाला, भाजपा ने मिड्ढा के पुत्र कृष्ण मिड्ढा और इनेलो ने जाट नेता उमेद सिंह रेढू को उम्मीदवार बनाया है. इनेलो ने दावा किया है कि कांग्रेस और जेजेपी ने ‘‘आयात किए गए’’ उम्मीदवारों को खड़ा किया है.  पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, राज्य पार्टी प्रमुख अशोक तंवर, दिवंगत मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई और पार्टी सांसद कुमारी शैलजा ने सुरजेवाला की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार किया है.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु और मनीष ग्रोवर मिड्ढा के लिए प्रचार कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जाट समुदाय के वोट सुरजेवाला, रेढू और दिग्विजय के बीच बंट सकते हैं क्योंकि तीनों जाट समुदाय से संबंध रखते हैं जिसका लाभ भाजपा उम्मीदवार को हो सकता है. 

आप के समर्थन से जेजेपी उम्मीदवार को बल मिल सकता है. चौटाला परिवार में शक्ति संघर्ष के कारण इनेलो में फूट पड़ने के बाद जेजेपी अस्तित्व में आई है.

fallback

तिहाड़ जेल से इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला की फरलो रद्द किए जाने के बाद परिवार में परस्पर विरोधी धड़ों में मौखिक जंग शुरू हो गई थी. चौटाला ने अपने पोतों दुष्यंत एवं दिग्विजय पर ‘‘पीठ पर वार करने’’ और आप के साथ मिलकर षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया है.

(इनपुट भाषा)

Trending news