हरियाणा में BJP के मौजूदा सांसदों के परिवार को नहीं दिया जाएगा टिकटः सूत्र
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हरियाणा में BJP के मौजूदा सांसदों के परिवार को नहीं दिया जाएगा टिकटः सूत्र

पार्टी सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि हरियाणा में बीजेपी प्रदेश विधानसभा चुनावों में पंजाब की अपनी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को 2 सीटें देने पर विचार कर रही है.

हरियाणा में BJP के मौजूदा सांसदों के परिवार को नहीं दिया जाएगा टिकटः सूत्र

पंचकूलाः हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 (Haryana Assembly Elections 2019) में बीजेपी के मौजूदा सांसदों के परिवार में से किसी को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. सूत्रों के हवाले से खबर है पार्टी हाईकमान ने प्रदेश बीजेपी को किसी भी सांसद के परिवार के व्यक्ति का नाम आगे ना भेजने की बात कही है. मौजूदा विधायक होने के कारण केवल हिसार सांसद बिजेंदर सिंह की माता जी प्रेमलता सिंह का नाम लिस्ट में भेजा गया है. प्रेमलता सिंह हिसार के ऊंचाणा विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक हैं, साल 2014 में उन्होंने पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को हराया था.

पार्टी सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि हरियाणा में बीजेपी प्रदेश विधानसभा चुनावों में पंजाब की अपनी सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल को 2 सीटें देने पर विचार कर रही है, बाकि 88 सीटों पर बीजेपी अपने प्रत्याशी उतारेगी. गौरतलब है विधानसभा सीटें ना दिए जाने पर अकाली दल ने प्रदेश की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी.

ऐसी भी खबर है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2019) के लिए राज्य की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) अगले 2-3 दिन में प्रत्याशियों के टिकट फाइनल कर देगी. हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष सुभाष बराला के मुताबिक पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर लगातार चर्चाओं का दौर जारी है, देर रात तक मंथन हुआ. नवरात्र में पार्टी टिकट का ऐलान कर सकती है.

प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ट्वीट कर बताया की पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में हरियाणा चुनाव समिति को लेकर चर्चा हुई.

 

 

सुभाष बराला का कहना है कि बीजेपी पर भरोसा करते हुए टिकट के लिए काफी ज्यादा दावेदार आ रहे है और यह अच्छी बात है. 

बता दें कि कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव का टिकट चाहने वाले उम्मीदवारों के लिए 10 बिंदुओं के मानक जारी किए हैं. राज्य में चुनाव 21 अक्टूबर को होना है. मानकों के अनुसार, जो खादी पहनते हों, शराब नहीं पीते हों, गांधीवादी जीवन पद्धति का पालने करते हों, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में विश्वास करते हों या जाति, धर्म या पंथ के आधार पर निजी या सार्वजनिक जीवन में भेदभाव नहीं करते हों, वे ही उम्मीदवार हो सकते हैं. कांग्रेस द्वारा जारी किए गए आवेदन फॉर्म के अनुसार, उम्मीदवारों को एक वचनपत्र पर हस्ताक्षर करना होगा कि वे किसी सार्वजनिक मंच पर पार्टी लाइन व नीतियों के खिलाफ नहीं जाएंगे.

राज्य के पूर्व पार्टी प्रमुख अशोक तंवर ने कहा कि खादी एक जीवन शैली है और हर कांग्रेसी को गांधीवादी विचार का पालन करना चाहिए. पार्टी को हाल में अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने पर काफी असहमति के सुरों का सामना करना पड़ा है.

यह अलग बात है कि कांग्रेस कहती है कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है और हर किसी को अपने विचारों को रखने का हक है. कांग्रेस ने मधुसूदन मिस्त्री के तहत टिकट चाहने वालों की फॉर्म की जांच के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है. कांग्रेस भाजपा पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है जो दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में है. कांग्रेस हालांकि दो गुटों-पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अशोक तंवर के बीच बंटी हुई दिख रही है.

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