सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्याज आम आदमी को रुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
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नई दिल्ली: बीते तीन माह से दिल्ली समेत पूरे देश में प्याज के दामों में तेजी जारी है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्याज आम आदमी को रुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. इसकी खुदरा कीमतें लगातार आसमान छू रही हैं. दाम को काबू करने के लिए सरकार ने प्याज आयात का निर्णय लिया था. मसलन तुर्की और इजिप्ट से आए प्याज बाजारों में मौजूद है लेकिन इसके खरीददार नदारद हैं. वजह इसके फीकेपन का होना है. हालांकि इसकी कीमत की बात की जाए तो ये भारतीय प्याज को टक्कर दे रहा है.
ज़ी मीडिया की टीम इसी बात की पड़ताल करने ओखला सब्जी मंडी पहुंची तो पाया कि इस प्याज की कीमत 70-80 रुपए किलो थी जबकि भारतीय प्याज 100 रुपए किलो. ओखला मंडी में सब्जी खरीदने आए लोगों का कहना था कि तुर्की और इजिप्ट से आए प्याज में टेस्ट नहीं होता है और दाम भी कुछ खास कम नहीं है इसलिए वे देसी महंगे प्याज खरीदने को मजबूर हैं.
हालांकि कुछ ऐसे भी लोग थे जो अपने होटलों के लिए प्याज की खरीदारी करते दिखे. वहीं प्याज के दुकानदारों ने भी इस बात को माना कि इस प्याज में टेस्ट नहीं होता है जिसके चलते लोग इसकी खरीददारी कम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि ज्यादा बारिश से प्याज के उत्पादन में करीब 25 फीसदी की गिरावट आई थी जिससे इसकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. सरकार पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा चुकी है. व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा तय कर दी गई है. यही नहीं सरकार सस्ती दर पर बफर स्टॉक की आपूर्ति भी कर रही है. अधिकारियों की मानें तो लाल और पीले दोनों रंगों के प्याज तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से आयात किए जा रहे हैं.
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