इस बधिर लड़की ने जीतीं कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं, फिर भी नहीं हो रही मीडिया में चर्चा
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इस बधिर लड़की ने जीतीं कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं, फिर भी नहीं हो रही मीडिया में चर्चा

देशना को ताइवान में आयोजित प्रतियोगिता शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश सरकार से भी कोई मदद नहीं मिली, जबकि इसके लिए उसके परिजन दो बार मुख्यमंत्री से भी मिले थे.

देशना जैन को दुख है कि भारत का नाम रोशन करने के बाद भी उसे मीडिया में जगह नहीं मिली है

नई दिल्ली : मिस इंडिया 2018 अनुकृति व्यास, मिस यूनिवर्स 2018 मानुषी छिल्लर के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन क्या आपको इस साल दो अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता जीतने वाली सुंदरी के बारे में पता है? देशना जैन ने इस साल न केवल जयपुर में आयोजित मिस इंडिया (बधिर) प्रतियोगिता जीती बल्कि वह मिस एशिया (बधिर) की भी विजेता रहीं. इसके अलावा ताइवान के ताइपे में आयोजित मिस इंटरनेशनल (बधिर) प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहीं. 

  1. मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ की रहने वाली है देशना जैन
  2. जयपुर में जीता था मिस इंडिया (डेफ) का खिताब
  3. मांगने पर भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नहीं की मदद

अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को जीतने के बाद भी देशना जैन लोगों के बीच चर्चा का विषय नहीं बनीं. न ही उनके पीछे टीवी चैनलों की लाइन लगी और न ही इस युवा महिला की उपलब्धियों को अखबारों में गिनाया गया. 

‘एंटरप्रेटर’ की मदद से देशना जैन ने मिस एशिया (बधिर) प्रतियोगिता के अनुभव के बारे में बताया, 'मैं काफी घबराई हुई थी. इस प्रतियोगिता में 20 से ज्यादा देशों से प्रतिभागी थीं. मैंने सोचा था कि वे ज्यादा सुंदर हैं और ज्यादा अच्छे कपड़े पहने हुए हैं और मुझसे ज्यादा क्षमतावान हैं. लेकिन सौभाग्यवश जीत मेरे हिस्से आई और मुझे मिस एशिया (बधिर) प्रतियोगिता की विजेता घोषित किया गया.' 

मिस एशिया प्रतियोगिता का आयोजन इसी महीने जुलाई में ताइवान में किया गया था.

उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि मैं भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लूं और अपने परिवार तथा अपने देश को गौरवान्वित करूं.' जैन की मां ने कहा कि वह अपनी बेटी की उपलब्धि से खुश हैं.

देशना टीमकगढ़ की हैं. उन्होंने बताया कि जब परिवार ब्याह, शादी या अन्य समारोह में जाता था उसका लोग मजाक उड़ाते थे. इस पर पिता गुस्सा होकर कार्यक्रम से चले आते थे. पिता मेरा उपहास नहीं देख सकते थे, इसलिए उन्होंने अपने रिश्तेदारों से दूरी बना ली, लेकिन अब वे ही रिश्तेदार मुझे लेकर गर्व अनुभव करते हैं. वह इंदौर की बायलिंग्वल एकेडमी में बीए की पढ़ाई कर रही हैं.

देशना की माता दिव्या जैन ने बताया, 'मुझे पता है कि मेरी बेटी सुन नहीं सकती है, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि हमारे समाज में सामान्य लोगों भी उसकी उपलब्धियों को लेकर अंधे बने हुए हैं.'

दिव्या ने बताया कि उनकी बेटी को सहयोग करने के लिए कोई भी प्रायोजक आगे नहीं आया. ताइवान में हुई प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के सभी खर्चे उसके परिवार ने उठाए हैं. उन्होंने बताया कि मिस एशिया प्रतियोगिता में देशना पर करीब 5 लाख रुपये खर्च हुए हैं. देशना के परिवार ने बताया कि जब देशना का ताइवान जाना तय हुआ तो वे इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से दो बार मिले. पूरे कार्यक्रम को प्रायोजित करना तो दूर प्रदेश सरकार की तरफ से उन्हें एक पैसे की मदद भी नहीं मिली. 

(इनपुट भाषा से)

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