ईरान-अमेरिका तनाव: भारतीय एयरलाइंस कंपनियां का फैसला- नहीं करेंगी ईरान के प्रभावित एयरस्पेस का इस्तेमाल
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ईरान-अमेरिका तनाव: भारतीय एयरलाइंस कंपनियां का फैसला- नहीं करेंगी ईरान के प्रभावित एयरस्पेस का इस्तेमाल

बता दें ईरान द्वारा अमेरिकी सैन्य निगरानी ड्रोन को मार गिराने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. 

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: डीजीसीए ने कहा है कि इंडियन एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईरानी वायुक्षेत्र के प्रभावित हिस्से में उड़ान भरने से बचने और उड़ानों का मार्ग पुन:निर्धारित करने का फैसला किया है.

बता दें ईरान द्वारा अमेरिकी सैन्य निगरानी ड्रोन को मार गिराने के बाद दुनियाभर की प्रमुख एयरलाइन कंपनियों ने शुक्रवार को अपनी उड़ानों के मार्ग बदलने करने शुरू कर दिए हैं ताकि होर्मुज जलडमरूमध्य के आस-पास के क्षेत्रों से बचा जा सके. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वाणिज्यिक एयरलाइनरों पर गलती से हमला किया जा सकता है.

क्या बोलीं अन्य एयललाइन कंपनियां
आस्ट्रेलिया की क्वांटस, ब्रिटिश एयरवेज, नीदरलैंड की केएलएम, एमिरेट्स, जर्मनी की लुफ्थांसा, मलेशिया एयरलाइंस और सिंगापुर एयरलाइंस ने कहा कि वे जल्द ही क्षेत्र से उड़ान से पहरेज करेंगी.

वैश्विक एयरलाइंस को दिशानिर्देश मुहैया कराने वाली कंपनी ओपीएसजीआरओयूपी ने चेतावनी देते हुए कहा,‘किसी नागरिक विमान को दक्षिणी ईरान में मार गिराने का तरा वास्तविक है.'

ईरान और अमेरिका के बीच बड़ा तनाव
बृहस्पतिवार को ईरान की ओर से दागी गई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से अमेरिकी नौसेना के मानवरहित विमान आरक्यू..4ए ग्लोबल हॉक को मार गिराने के बाद संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) ने क्षेत्र में ‘गलत पहचान या गलत अनुमान की संभावना’ की चेतावनी दी. अमेरिका के उक्त ड्रोन विमान के पंख बोइंग 737 जेट से बड़े थे और इसकी कीमत 10 करोड़ अमेरिकी डालर से अधिक थी. अमेरिका ने कहा कि पहले उसने ईरान पर सीमित हमले की योजना बनायी थी लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया. 

 

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