ये हिंदू राष्ट्र की जीत है.. 22 जनवरी भारत की दिवाली, प्राण-प्रतिष्ठा पर क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्री?
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ये हिंदू राष्ट्र की जीत है.. 22 जनवरी भारत की दिवाली, प्राण-प्रतिष्ठा पर क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्री?

Pran Pratishtha: उन्होंने कहा आप राम के उपासक नहीं हैं तो उनके विरोधी बनने के अधिकारी नहीं हैं. आप ऐसा करने वाले कौन हो सकते हैं. दूसरे धर्मों पर कहा कि आप सम्मान करते हुए रहें. रामचरित मानस और गीता के आदर्श के हिसाब से जीना होगा.

ये हिंदू राष्ट्र की जीत है.. 22 जनवरी भारत की दिवाली, प्राण-प्रतिष्ठा पर क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्री?

Dhirendra Shastri Badeshwar Dham: अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां युद्ध स्तर पर हैं. इसी बीच बागेश्वर बाबा धीरेन्द्र शास्त्री जी न्यूज के एक खास कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि वे प्राण प्रतिष्ठा के दिन जरूर जाएंगे, उन्हें आमंत्रण मिला है. उन्होंने कहा कि वे बहुत उत्साहित हैं, प्रसन्न हैं. भारत ही नहीं विदेशों में रहने वाले सनातनी दीपावली मनाएंगे. उन्होंने यह कहा कि यह पहली बार है कि विदेश की मीडिया भी इसे कवर करेगी. यही हिंदू राष्ट्र की जीत है. उन्होंने राम के धर्म पर कहा कि हमारे राम शबरी के बेर खाते हैं, केवट की नाव पर चलते हैं लेकिन हमारे राम अधर्म के खिलाफ बाण पर प्रत्यंचा चढ़ाते हैं. हमारे राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. पूरी दुनिया को इससे सीखने की जरूरत है. राम की यही भावना हमें विश्व गुरु बनाती हैं. 

हिंदू राष्ट्र की कल्पना पर क्या बोले?
उन्होंने कहा आप राम के होने का सबूत नहीं मांग सकते हैं, आप राम के उपासक नहीं हैं तो उनके विरोधी बनने के अधिकारी नहीं हैं. आप ऐसा करने वाले कौन हो सकते हैं. हिंदू राष्ट्र की कल्पना पर उन्होंने दूसरे धर्मों पर कहा कि आप सम्मान करते हुए रहें और रामचरित मानस और गीता के आदर्श के हिसाब से जीना होगा, आप पालघर के साधुओं की हत्या नहीं कर सकते हैं. यही हिंदू राष्ट्र की संकल्पना है. सनातन के मिशन पर उन्होंने हिंदू धर्म की कल्पना पर आगे कहा कि अभी ज्ञानवापी और मथुरा बाकी है. और ये विवाद नहीं बल्कि संवाद की बात है. 

हमने दूसरे धर्म के भगवान पर कुछ नहीं बोला
उन्होंने कहा कि हमने दूसरे के भगवान पर कुछ नहीं बोला तो उनको भी नहीं बोलना चाहिए. हमने किसी की जगह नहीं हथियाई है बल्कि हमने अपनी पुरानी जगह वापस ली है. जहां जहां कब्जा किया गया है, वहां वहां खुदाई होगी. जहां-जहां विवाद है उसे सुलझाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी होगा वह संविधान के अनुसार होगा, हम अपनी आस्था के सबूत रखेंगे और इस पर फैसला किया जाएगा.

राम लला की पुरानी प्रतिमा पर क्या कहा?
दिग्विजय के इस सवाल पर कि मंदिर में मूर्ति बदली जा रही है तो उन्होंने कहा कि छोटे राम लला के सवाल पर कहा कि वो भी बैठेंगे, बड़ी मूर्ति इसलिए कि लोग दूर से भी उनके दर्शन हो सकें. उन्होंने कहा कि जब जब वे अयोध्या जाते थे तो उन्हें पीड़ा होती थी क्योंकि रामलला वैसी स्थिति में विराजमान थे. लेकिन अब भव्य मंदिर बन रहा है, उन्हें बहुत ख़ुशी है. 

उन्होंने सरकार का विरोध करते करते श्रीराम का विरोध करने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मूर्ख हैं, वे रावण के खानदान है. उन्होंने कहा कि धर्म का कोई चित्र नहीं होता, चरित्र होता है. इसलिए धर्म के नियमों का पालन किया जाना चाहिए. धर्म की मर्यादा का पालन होना चाहिए.

बीजेपी के धर्म को आगे बढ़ाने के आरोपों पर..
उन्होंने कहा कि हम अपने धर्म में खुश हैं, दूसरे धर्म वाले अपने धर्म में खुश रहें. हमने तो कभी दूसरे धर्म पर उंगली नहीं उठाई. इस देश में जुलूस निकलता है तो हम विरोध तो नहीं करते. बीजेपी के धर्म को आगे बढ़ाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि हम तो सबके गुरु हैं. हम सबके लिए धर्म की बात करते हैं. जो मेरे पास आएगा उसके लिए भी धर्म की बात करेंगे. हमने तो कभी किसी का प्रचार नहीं किया. जो लोग कहते हैं, उनके पेट में दर्द है. उन्होंने कहा कि मेरा काम हिंदुओं को जगाना है. 

हिंदू को जगाने का मतलब है कि वह धर्म के ऊपर हो रहे अत्याचारों का विरोध करे और सनातन धर्म को लेकर कट्टर रहे. हिंदू धर्म के साथ अगर कोई बर्बरता करता है तो उसके खिलाफ लड़ें. हमारी बात कोई नहीं सुनता था और अब अगर जब चार लोग इकट्ठा हो जाएं तो सब बात सुनते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म को जगाने की बात यह है कि क़ानून हमारी रक्षा करें. 

राम के ऊपर कुछ गीत सुनाने पर जब उनसे कहा गया तो उन्होंने एक भजन भी सुनाया...

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे,
राम आएंगे,
राम आएंगे आएंगे,
राम आएंगे,
मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे,
राम आएंगे

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