‘तीन तलाक’ अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपील न्यायालय में खारिज
Advertisement
trendingNow1509426

‘तीन तलाक’ अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपील न्यायालय में खारिज

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) के चलन को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के एक संगठन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) के चलन को दंडनीय अपराध बनाने वाले अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल के एक संगठन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. 

200 प्वाइंट रोस्टर अध्यादेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की दी सलाह

केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद, पिछले साल 19 सितंबर को ‘मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों की सुरक्षा) अध्यादेश’ पहली बार अधिसूचित किया गया था. एक बार में तलाक तलाक तलाक कह कर विवाह विच्छेद करने की यह प्रक्रिया तलाक ए बिद्दत कहलाती है. मुस्लिम पुरुष एक साथ तीन तलाक कह कर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है. अध्यादेश में इसी प्रक्रिया को दंडनीय अपराध बनाया गया है. एक साल से भी कम समय में इस अध्यादेश को 21 फरवरी को तीसरी बार जारी किया गया.

(इनपुट भाषा)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news