AWACS नेत्र ने बालाकोट एयरस्ट्राइक में मिराज-2000 को रास्ता दिखाया था. बालाकोट में आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी और भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 80 किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया था.
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नई दिल्ली: हम बात कर रहे हैं Airborne Early Warning and Control System नेत्र की. वो हिन्दुस्तानी वायुसेना की आंख जिसने बालाकोट एयरस्ट्राइक में मिराज-2000 को रास्ता दिखाया था. बालाकोट में आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी और भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में 80 किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. AWACS नेत्र के बारे में जान लें. वो रात थी 26 फरवरी की जब भारतीय वायुसेना ने सीमापार जाकर आतंकियों ठिकानों में पल रहे आतंकियों का अंत कर दिया था. पाकिस्तान कांप गया था, आतंकी दहल गए थे. जब अपने ही अड्डे पर ढेर हो गई थी आतंकियों की फौज देखते रह गए थे पाकिस्तान के सैनिक. बेकार हो गए बंकर, बेदम हो गई पाकिस्तान से मिली आतंकियों को बंदूकें जब हिन्दुस्तानी वायुसेना के दर्जनों मिराज 2000 ने बम बरसाए थे.
बालाकोट में भारतीय मिराज विमानों ने जैश ए मोहम्मद की आतंकी पाठशाला को तबाह कर दिया था. ये हिंदुस्तान के पराक्रम की कहानी है जिसमें पाकिस्तान के 200 से 300 आतंकी चंद मिनटों के हमले में मार गिराए थे. ये सब संभव हुआ भारतीय वायुसेना के विमान Airborne Early Warning and Control System यानी अवॉक्स नेत्र की वजह से. अवॉक्स नेत्र जिसने दर्जनों मिराज 2000 को बालाकोट का रास्ता दिखाया था. आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी दी थी जिसकी वजह से मिराज 2000 ने बमवर्षा करके बालाकोट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था.
68वें गणतंत्र दिवस पर पहली बार Defence Research and Development Organisation के स्वदेशी अवॉक्स नेत्र ने दिव्य दर्शन दिए. लेटेस्ट राडार और इलेक्ट्रॉनिक WARFARE के उपकरणों से लैस ये विमान काफी दूरी से दुश्मनों के विमानों और यहां तक कि जमीन पर होनेवाली हर हलचल की सटीक जानकारी देता है. डीआरडीओ के अवॉक्स नेत्र ने राजपथ से पहले भारतीय वायुसेना की Iron Fist Exercise 2016 में अपना करिश्मा दिखाया था.
AWACS 'नेत्र' ऐसी खूबियों से लैस है जिनसे पाकिस्तान में ख़ौफ़ है:
- AWACS 'नेत्र' 300 किलोमीटर दूर मौजूद शत्रुओं के विमानों का पता लगा सकता है.
- हवा में मौजूद लड़ाकू विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइल और ड्रोन की भी जानकारी दे सकता है AWACS 'नेत्र'.
- AWACS 'नेत्र' विमान हवा में मौजूद 60 लक्ष्यों पर एकसाथ नजर रख सकता है.
- सबसे बड़ी खूबी ये है कि किसी भी इमरजेंसी में ये आसमान में ही कंट्रोल रूम की तरह काम कर सकते हैं.
- कई फाइटर स्क्वाड्रनों को कंट्रोल करते हुए AWACS 'नेत्र' आसमान में मंडराते हुए पूरे मिशन का संचालन भी कर सकते हैं.
- सैकड़ों किलोमीटर दूर मौजूद विमानों का पता लगाकर AWACS 'नेत्र' उसमें दुश्मन और दोस्त में फर्क भी कर सकते हैं.
AWACS 'नेत्र' दुश्मनों पर नजर रखने के अलावा अपने विमानों को भी सुरक्षित रखने का काम करते हैं. सामान्य लड़ाकू विमानों के मुकाबले AWACS 'नेत्र' ज्यादा दूरी तक देख सकते हैं और दुश्मनों का पता अपने फाइटर प्लेन्स को दे सकते हैं. एक नेटवर्क की तरह काम करते हुए इससे वक्त रहते दुश्मन के लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल और अनमैन्ड एरियल वेहिकल यानी ड्रोन का पता लगाकर उसे मार गिराया जा सकता है.
पिछले कई दशकों से भारत देश में ही अवॉक्स विमान बनाने की कोशिश कर रहा है. अब ये कोशिश कामयाब होने जा रही है. DRDO ने एयरबस A330 को AWACS 'नेत्र' के लिए चुना है. उम्मीद है कि जल्द ही रक्षा मंत्रालय एयरबस A330 DRDO को देगा जिसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट तकनीकों को शामिल कर दो AWACS 'नेत्र' तैयार किए जाएंगे. उम्मीद है कि 2024-25 तक भारतीय वायुसेना को वो विमान मिल जाएगा जो पाकिस्तान के लिए किसी काल से कम नहीं है.
(दिल्ली से पियूषा शर्मा के साथ ब्यूरो रिपोर्ट, ज़ी मीडिया)