रॉबर्ट वाड्रा के करीबी को हिरासत में लेना चाहती है ED, कोर्ट से मांगी इजाजत
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रॉबर्ट वाड्रा के करीबी को हिरासत में लेना चाहती है ED, कोर्ट से मांगी इजाजत

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष यह अनुरोध किया. मामले पर आठ जनवरी को सुनवाई होगी.

ED को जानकारी मिली है कि डिफेंस डील 2007-8 में की गयी थी और उससे मिले पैसे से लंदन और दूसरी जगह प्रॉपर्टी खरीदी गयी.
ED को जानकारी मिली है कि डिफेंस डील 2007-8 में की गयी थी और उससे मिले पैसे से लंदन और दूसरी जगह प्रॉपर्टी खरीदी गयी.

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा के कथित करीबी सहायक मनोज अरोड़ा के खिलाफ बेमियादी गैर जमानती वारंट जारी करने के लिये दिल्ली की एक अदालत का रूख किया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष यह अनुरोध किया. मामले पर आठ जनवरी को सुनवाई होगी. एजेंसी ने अदालत से कहा कि बार-बार सम्मन जारी किये जाने के बावजूद अरोड़ा पूछताछ के लिये उपस्थित होने में विफल रहा.

मनोज अरोड़ा राबर्ट वाड्रा का सेक्रेटरी है. सात दिसंबर को जब ED ने छापेमारी की थी, तब मनोज अरोड़ा को भनक लग गई और वह फरार हो गया था. पहले मनोज के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) निकाला गया और अब गैर ज़मानती वारंट. जब इनकम टैक्स ने संजय भंडारी के यहां छापेमारी की थी तब एक मेल मिला था, जिसमें लंदन की प्रॉपर्टी का जिक्र था. उस मेल में लंदन वाले फ्लैट के रेनोवेशन का जिक्र था और वाड्रा ने किसी चड्डा को लिखा की मनोज अरोड़ा आगे की जानकारी दे देगा. मेल Exim Real Estate ID से की गयी थी.

ED को जानकारी मिली है कि डिफेंस डील 2007-8 में की गयी थी और उससे मिले पैसे से लंदन और दूसरी जगह प्रॉपर्टी खरीदी गयी. ED के मुताबिक वाड्रा ने भारत से बाहर जो भी प्रॉपर्टी बनाई है वह सब बेनामी है और साबुत जुटाने के लिये मनोज अरोड़ा का पकड़ा जाना बेहद ज़रूरी है तभी आगे की कड़ियां जुड़ पायेगी.

ईडी ने दावा किया कि अरोड़ा मामले में महत्वपूर्ण व्यक्ति है. उसे विदेशों में वाड्रा की अघोषित संपत्तियों की जानकारी है और इस तरह की संपत्तियों के लिये धन की व्यवस्था करने में उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वाड्रा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं. अन्य गैर जमानती वारंट की तरह बेमियादी गैर जमानती वारंट की तीमाल के लिए समय सीमा नहीं होती.

वकील ए आर आदित्य के जरिए दाखिल याचिका में ईडी ने दावा किया है कि लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति खरीदने के लिए यूएई से धन के प्रवाह का इस्तेमाल किया गया और इस संपत्ति का कथित तौर पर मालिकाना हक वाड्रा के पास है. ईडी ने कहा है कि काला धन कानून के तहत जांच की गयी है . 

एजेंसी ने अपनी याचिका में कहा है, ‘12, ब्रायनस्टन स्कवायर, लंदन, ब्रिटेन में संपत्ति पर वाड्रा का लाभकारी नियंत्रण है. इसकी कीमत 19 लाख पाउंड आंकी गयी. इस संपत्ति का मरम्मत कार्य कराने के साथ ही इसके लिए धन की भी व्यवस्था की गयी.’ एजेंसी के मुताबिक, संजय भंडारी ने 19 लाख पाउंड में संपत्ति की खरीदारी की और मरम्मत के लिए इस पर 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा होने के बावजूद 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री कर दी गयी. ईडी ने अपनी अर्जी में कहा कि एजेंसी द्वारा परिसर की तलाशी के बाद से अरोड़ा फरार है. 

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