Farmers Protest: कृषि मंत्री ने 'चाय' के लिए कहा, किसानों ने 'जलेबी' का न्योता दिया
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Farmers Protest: कृषि मंत्री ने 'चाय' के लिए कहा, किसानों ने 'जलेबी' का न्योता दिया

किसान संगठनों (Kisan Sangthan) और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई बैठक के दौरान किसानों ने कृषि मंत्री (Agriculture Minister) को धरनास्थल पर जलेबी, चाय-पकौड़े का स्वाद लेने के लिए आमंत्रित किया है.

फोटो, साभार- ट्विटर.

नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच आज (मंगलवार) किसान संगठनों के नेताओें और सरकार के मंत्रियों के बीच वार्ता हुई. इस बैठक के दौरान किसान संगठन के नेताओं ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को उनके धरना स्थल पर चल रहे लंगर में ‘जलेबी, चाय-पकौड़े’ का स्वाद लेने के आमंत्रित किया. किसानों का कहना है कि मंत्री वहीं आकर उनके साथ बातचीत करें.

  1. किसानों का कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को न्योता

    ‘धरना स्थल पर लें जलेबी, चाय-पकौड़े का स्वाद’

    समिति बनाने के प्रस्ताव पर होगी चर्चा

जब मंत्री ने चाय पीने आग्रह किया
तीन नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार के साथ हुई बैठक के बीच एक ऐसा मौका आया कि सबसे चेहरे पर मुस्कान आ गई. मैराथन बैठक के दौरान जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने किसानों से चाय पीने का आग्रह किया तो किसानों ने भी उन्हें न्योता दे दिया.

प्रदर्शन में लंगर का इंतजाम
बता दें, सरकार ने सितंबर में तीन नए कृषि कानून (Farm Laws 2020) पारित किए थे, जिसके विरोध में बड़ी संख्या में किसान आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को रोके जाने के बाद उन्होंने वहीं डेरा जमाया है. खाने-पीने के लिए वहां लंगर का इंतजाम भी है.

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समिति बनाने के प्रस्ताव पर होगी चर्चा
जम्हूरी किसान सभा के कुलवंत सिंह संधू ने ने कहा, ‘तोमर साहब ने हमें बैठक के बीच में चाय पीने का आग्रह किया था. अब बदले में हम तोमर साहब को हमारे विरोध प्रदर्शन स्थल पर आकर चाय पीने का न्योता दे रहे हैं. इतना ही नहीं लंगर पर उन्हें साथ में जलेबी और पकौड़ा भी खिलाया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के नेता विराम की अवधि का उपयोग सरकार के समिति बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए करना चाहते हैं.

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अगली बैठक तीन दिसंबर को
किसान संगठनों के साथ हुई बैठक के दौरान सरकार ने नए कृषि कानूनों (Farm Laws 2020) पर किसानों की आपत्तियों पर विचार करने के लिए समिति बनाने का सुझाव दिया है, लेकिन प्रदर्शन कर रहे 35 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने इसे खारिज कर दिया है. कुल मिलाकर तीन केंद्रीय नेताओं के साथ हुई यह मैराथन बैठक बेनतीजा रही. सरकार ने अगले दौर की बैठक तीन दिसंबर को तय की है.

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