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नई दिल्ली: दिल्ली के साउथ-वेस्ट के सागरपुर इलाके में पुलिस के एक ओपन मालखाने में रविवार की दोपहर में भयंकर आग लग गई. इस घटना में करीब 100 कारें और 250 से ज्यादा टू व्हीलर्स जलकर खाक हो गए. केस प्रॉपर्टी के रूप में जमा की गईं ये सभी गाड़ियां एक खुली जगह पर रखी हुई थीं.
आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. बैटरी में शॉर्ट सर्किट की आशंका तो जताई जा रही है, लेकिन आग जहां से शुरू हुई, वहां आस-पास जमीन पर काफी सारी सूखी घास और झाड़ियां भी लगी हुई थीं. ऐसे में पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इसके पीछे किसी की कोई शरारत या साजिश तो नहीं है. चूंकि यहां खड़ी ज्यादातर गाड़ियां कबाड़ वाली कंडीशन में थीं, इसलिए शॉर्ट सर्किट की संभावना कम ही लग रही है. इस घटना ने दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया है. इस बारे में सागरपुर थाने में एक केस दर्ज करके उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है.
दमकल विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार दोपहर 12:42 बजे कंट्रोल रूम को कॉल मिली थी कि सागरपुर थाने के माल गोदाम में आग लग गई है. जिसके बाद दमकल की 7-8 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया. खुद जनकपुरी फायर स्टेशन के स्टेशन इंचार्ज भी मौके पर पहुंचे हुए थे. ईस्ट सागरपुर की गली नंबर 13 में एक खाली प्लॉट में ये गाड़ियां रखी हुई थीं. आग को सबसे पहले वहां ड्यूटी पर तैनात सागरपुर थाने के हवलदार प्रह्लाद ने नोटिस किया. आग पीछे की तरफ लगी झाड़ियों के पास से शुरू हुई थीं. उन्होंने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम और फायर कंट्रोल रूम में कॉल की और अपने अधिकारियों को सूचना दी. करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. गनीमत यह कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और वहां खड़ी काफी सारी अन्य गाड़ियों को आग की चपेट में आने से बचा लिया गया.
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिस जगह आग लगी, वह साउथ-वेस्ट सेंट्रलाइज्ड मालखाना है, जहां इस जिले के आर.के. पुरम, सागरपुर, दिल्ली कैंट, साउथ कैंपस और वसंत विहार थाने में केस प्रॉपर्टी के रूप में जमा की गई हजारों गाड़ियां रखी हुई थीं. उन्हीं में से करीब 350 गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं.
हालांकि यहां रखी गईं ज्यादातर गाड़ियां खस्ता हालत में थी. घटना की जानकारी मिलने पर दिल्ली कैंट सब-डिविजन के एसीपी और सागरपुर थाने के इंस्पेक्टर लॉ एंड ऑर्डर के अलावा खुद डीसीपी गौरव शर्मा भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. आग के कारणों का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया. कई गाड़ियां तो इतनी बुरी तरह जल गई थीं कि उनकी पहचान कर पाना भी अब संभव नहीं होगा, क्योंकि उनकी नंबर प्लेट ही नहीं, बल्कि उनके इंजन और चेसिस नंबर तक जल गए हैं. इसीलिए अब रिकॉर्ड खंगालकर गाड़ियों की सही संख्या का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
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