राष्ट्रीय राजमार्ग पर यदि कोई वाहन फास्टैग के बिना टोल प्लाजा की फास्टैग लेन से गुजरता है तो उस वाहन चालक को दोगुना टोल का भुगतान करना होगा.
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नई दिल्ली/मुंबई: केंद्र सरकार ने फास्टटैग (FASTag) की अनिवार्यता को 15 दिन के लिए बढ़ा दिया है. वाहनों पर फ़ास्ट टैग नहीं होने पर दोगुना टैक्स चुकाने की पेनाल्टी अब 15 दिसंबर से लागू होगी. इससे पहले यह दंड शुल्क 1 दिसंबर से लागू होना था.
अगर आप नेशनल हाईवे का इस्तेमाल करते हैं हैं तो ये खबर जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है. अगर आपके पास गाड़ी है और आप नेशनल हाइवे का इस्तेमाल करते हैं तो आगामी 15 दिसंबर से पहले उसमे फ़ास्टैग ज़रूर लगवा लीजिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक टोल के लिए ज़रूरी फ़ास्टैग नहीं लगाने पर आपकी जरा सी लापरवाही के चलते आपको 15 दिसंबर के बाद जुर्माने के तहत दोगुना तक का टैक्स चुकाना पड़ सकता है. यह टाइम लिमिट पहले 1 दिसंबर थी, जिसे सरकार ने बढ़ा दिया है.
Government of India: It has been decided that charging of double User Fee from vehicles which enter FASTag lane without FASTag will start from 15th December instead of 1st December.
— ANI (@ANI) November 29, 2019
NH पर सभी लेन फास्ट टैग लेन होंगी
देश मे डिजिटल पेमेंट और इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूलने के मकसद से सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. 15 दिसंबर से देश के सभी नेशनल हाइवे पर सभी लेन फ़ास्टैग लेन ही होंगे. जबकि सिर्फ एक लेन को बतौर हाइब्रिड लेन रखा जाएगा. हाइब्रिड लेन ही ऐसा एकमात्र लेन होगा जिसपर आप डिजिटल या कैश पेमेंट कर टैक्स भर सकते हैं. सरकार के आदेश के मुताबिक, अगर आपकी गाड़ी में फ़ास्टैग नहीं हैं और आप फ़ास्टैग लेन में प्रवेश करते हैं तो आपसे जुर्माना के तहत दोगुना तक टैक्स वसूला जा सकता है.
देखें- Fastag का डीएनए विश्लेषण
सरकार 4 साल से फ़ास्टैग को बढ़ावा दे रही
दरअसल सरकार की इलेक्ट्रॉनिक टैक्स वसूलने को लेकर ये सख्ती रातों रात की नहीं है. पिछले 3-4 साल से सरकार लगातार फ़ास्टैग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही थी. लेकिन नतीजे बेहतर नहीं आ रहे थे. बीते वित्त वर्ष 2018-19 में नेशनल हाईवे पर सरकार ने तकरीबन 24000 करोड़ रुपए का टैक्स वसूला लेकिन इसमें ई-टोल कलेक्शन महज 25 प्रतिशत तक ही सीमित रहा.
क्या है फ़ास्टैग
फ़ास्टैग एक ऐसा डिवाइस है, जिसे आप अपनी कार या गाड़ी के शीशे पर चिपका सकते हैं. आरएफआईडी तकनीक पर आधारित फ़ास्टैग युक्त गाड़ी जब टोल पर गुज़रती है तो रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक की मदद से आपका फ़ास्टैग स्कैन हो जाता है और टोल का पेमेंट हो जाता है. इसके लगे होने से आपको टोल नाके पर लंबी कतार में नहीं खड़ा होना पड़ता. फ़ास्टैग को आप ज़्यादातर बैंक से, ई-कॉमर्स पोर्टल या फिर नज़दीकी पेट्रोल पंप से भी खरीद सकते हैं. फ़ास्टैग को आप अपने बैंक अकाउंट से लिंक कर सकते हैं.