केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लोकसभा के लिए चुने जाने से ये दोनों सीटें खाली हुई हैं.
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अहमदाबाद: गुजरात में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए अलग-अलग चुनाव कराने के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की अवकाशकालीन पीठ मामले की सुनवाई करेगी. दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लोकसभा के लिए चुने जाने से ये दोनों सीटें खाली हुई हैं. अमरेली से कांग्रेस विधायक और गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेशभाई धनानी द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग को दोनों सीटों पर साथ-साथ चुनाव कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग द्वारा 15 जून को जारी प्रेस नोट में पांच जुलाई को दोनों सीटों पर चुनाव कराने का कार्यक्रम बताया गया था. शाह के गांधीनगर और स्मृति के अमेठी लोकसभा सीटों से चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं. धनानी ने आयोग के आदेश को निरस्तकरनेतथा इसे असंवैधानिक, अवैध और शून्य घोषित करने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है.
उनका कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. उन्होंने मांग की है कि आयोग को गुजरात सहित सभी राज्यों की रिक्त सीटें भरने के लिए उपचुनाव और चुनाव साथ-साथ करानेका निर्देश दिया जाए. गुजरात की दोनों सीटों पर अगर एक साथ एक ही बैलट पेपर पर चुनाव हुए तो कांग्रेस को उसपर जीत मिल सकती है.
वहीं विधायकों की संख्या के हिसाब से अगर चुनाव अलग-अलग बैलट पर होंगे तो जीत बीजेपी की होगी. संख्या बल के हिसाब से गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को 61 वोट चाहिए. एक ही बैलट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा.