India Cursed Village: आबाद गांव की 'वीरान' पहेली! 400 साल से नहीं गूंजी किलकारी.. बच्चा लेकर आता है अनहोनी
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India Cursed Village: आबाद गांव की 'वीरान' पहेली! 400 साल से नहीं गूंजी किलकारी.. बच्चा लेकर आता है अनहोनी

Mysterious Village of India: मध्य प्रदेश के एक गांव से अजब-गजब खबर सामने आ रही है, दावा है कि एमपी के इस गांव में 400 साल से किसी बच्चे ने जन्म नहीं लिया. बच्चा जन्मा तो अपने साथ अनहोनी लेकर आया..

India Cursed Village: आबाद गांव की 'वीरान' पहेली! 400 साल से नहीं गूंजी किलकारी.. बच्चा लेकर आता है अनहोनी

Mysterious Village of India: एमपी अजब है.. सबसे गजब है.. मध्य प्रदेश के बारे में ये सिर्फ प्रमोशन नहीं हकीकत भी है. मध्य प्रदेश के एक गांव से अजब-गजब खबर सामने आ रही है, दावा है कि एमपी के गांव में 400 साल से किसी बच्चे ने जन्म नहीं लिया और अगर जन्म लिया भी तो जच्चा या बच्चा में से किसी को अपनी जान गंवानी पड़ी या फिर कोई और अनहोनी हो गई.. आइये आपको बताते हैं एमपी के इस रहस्यमयी गांव के बारे में.

400 साल से नहीं गूंजी 'किलकारी'

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का सांका श्याम जी गांव... 2000 हजार की आबादी वाले इस गांव में 400 साल से किसी बच्चे का जन्म नहीं हुआ.. आपके मन में सवाल होगा कि जब यहां 400 साल से बच्चे का जन्म नहीं हुआ तो फिर ये गांव आबाद कैसे है.. इसी सवाल को सुलझाने ज़ी न्यूज़ संवाददाता पुष्पेन्द्र वैद्य ग्राउंड जीरो पर पहुंचे. सांका श्याम जी गांव में ज़ी न्यूज़ संवाददाता पुष्पेंद्र वैद्य ने स्थानीय लोगों से इन रहस्यमयी दावों के बारे में पूछा तो सभी ने 400 साल से गांव में संतान ना होने का दावा किया लेकिन जब इसकी वजह टटोलने की कोशिश की तो अविश्वसनीय, अकल्पनीय दावे सामने आए.

400 साल पहले का श्राप

सांका श्याम जी गांव में इसी नाम से एक मंदिर भी है.. जो 400 साल के कथित श्राप का केंद्र है और ये पूरी रहस्यमयी कहानी इस मंदिर परिसर के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है. 2000 की आबादी वाले इस गांव में कोई ऐसा नहीं है, जो यह कह सके कि उसका जन्म इस गांव में हुआ है... लेकिन ज़ी न्यूज़ संवाददाता ने उस शख्स को ढूंढ़ निकाला जिसका जन्म इस गांव में हुआ ...लेकिन उनसे बातचीत में 400 साल वाला जो सच सामने आया.. उससे गांव में बच्चे न होने वाली गुत्थी सुलझने के बजाय और उलझ गई.

अब तक नहीं सुलझ सकी पहेली

दिव्यांग सोरम सिंह ने बताया कि गांव के बाहर जाने से पहले ही अचानक प्रसव पीड़ा होने से गांव में ही उनका जन्म हुआ. जिससे उनका यह हाल हुआ है. मानों इस घटना के बाद तो ग्रामीणों का विश्वास और भी पुख्ता हो गया. दावा है कि इस गांव में अगर बच्चे का जन्म हुआ ...तो जच्चा या बच्चा में से किसी एक की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी या फिर बच्चे को कोई गंभीर बीमारी से जूझना पड़ेगा. इसी डर के चलते पिछले 400 सालों से सांका श्याम जी गांव की सीमा में संतान पैदा नहीं हो रही है.

सरकार की तरफ से भी लगी मुहर

इसी मान्यता के चलते लोग गांव में अस्पताल नहीं बनने दे रहे और 18 किलोमीटर दूर नरसिंहगढ़ अस्पताल में प्रसव कराने जाते हैं. आपातकाल परिस्थिति के लिए सरकार ने गांव के बाहर प्रसूति गृह बनाया है. यानी सरकार की तरफ से भी 400 साल की इस परंपरा पर मुहर लगी हुई है.

सवाल परिवार की दो-दो जिदगियों का

बच्चों के जन्म से 10 दिन पहले और प्रसव के 3 दिन बाद तक जच्चा और बच्चा को इस गांव में नहीं आने दिया जाता. महिलाओं को डिलीवरी से पहले, दूसरे गांव में या अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाता है. अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग इस गांव को लेकर ज्यादा अलर्ट है और इस गांव में प्रसव के लिए खास जननी एक्सप्रेस तैनात की गई है. यूं ही इस गांव में जन्म के बाद की पहली किलकारी पर लक्ष्मण रेखा खिंची हुई है. जिसे कोई भी लांघना नहीं चाहता. क्योंकि सवाल परिवार की दो-दो ज़िंदगियों का होता है.

(रिपोर्ट- पुष्पेन्द्र वैद्य, ज़ी मीडिया, सांका श्याम जी गांव, मध्य प्रदेश)

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