बाज नहीं आ रहा Pakistan, Visa जारी करने से आना-कानी पर India ने अधिकारियों को बुलाया वापस
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बाज नहीं आ रहा Pakistan, Visa जारी करने से आना-कानी पर India ने अधिकारियों को बुलाया वापस

पाकिस्‍तान भारतीय अधिकारियों को वीजा देने से लगातार कतरा रहा है. इस बार भारत ने इस्‍लामाबाद स्थित उच्‍चायोग के कुछ स्‍टॉफ को वापस बुला लिया है. 

(प्रतीकात्‍मक फोटो)

नई दिल्ली: असाइनमेंट वीजा (Assignment Visa) को लेकर पाकिस्तान के साथ हुए मतभेदों के बाद भारत (India) ने इस्लामाबाद (Islamabad) में स्थित उच्चायोग (High Commission) के स्टाफ के कुछ सदस्यों को वापस बुला लिया है. भारत ने कई बार उच्‍चायोग में काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए वीजा का आवेदन दिया था, लेकिन पाकिस्‍तान द्वारा आना-कानी करने के बाद भारत ने यह सख्‍त कदम उठाया है. इससे दोनों देशों के बीच तल्खियां और बढ़ सकती हैं. 

  1. वीजा देने से बच रहा पाकिस्‍तान 
  2. भारत ने वापस बुलाए अधिकारी 
  3. आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही वीजा देने में कर रहा नाटक 

2 साल से जारी नहीं किया वीजा 

पाकिस्‍तान ने पिछले 2 साल से भारतीय अधिकारियों को वीजा जारी नहीं किया है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक भारत ने पाकिस्‍तान का यह रवैया देखते हुए उच्‍चायोग के स्‍टॉफ के कुछ सदस्‍यों को वापस बुला लिया है.  पाकिस्तान ने पिछले साल भारतीय उच्‍चायोग के प्रभारी सुरेश कुमार की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी, लेकिन उसके बाद उसने जयंत खोबरागड़े को वीजा देने से इनकार कर दिया था. इसे लेकर इस्लामाबाद ने कहा था कि जब दोनों देशों के संबंधों को डाउनग्रेड किया गया है तो ऐसे में खोबरागड़े मिशन की जिम्‍मेदारी संभालने के लिहाज से बहुत वरिष्ठ हैं.

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अधिकारियों की वापसी से काम पर असर 

भारत द्वारा उच्‍चायोग के अधिकारियों को वापस बुलाए जाने भारतीय उच्चायोग के रोजमर्रा के कामकाज पर असर पड़ेगा. पिछले साल ही संबंधों को डाउनग्रेड करने के भारत के फैसले के बाद दोनों देशों ने अपने-अपने मिशन का स्‍टॉफ आधा कर दिया था. 

आर्टिकल 370 हटने के बाद से बदली चीजें  

2019 में भारत ने जब से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाया है, तब से ही पाकिस्तान का रवैया काफी बदल गया है. उसी समय पाकिस्‍तान ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया था और फिर भारत को भी ऐसा ही करना पड़ा था. गौरतलब है कि फरवरी में दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में सभी समझौतों और संघर्ष विराम का कड़ाई से पालन करने के लिए सहमति जताई थी. 

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