एस जयशंकर ने किया बड़ा खुलासा, कहा- मेरे पिता के साथ पहले इंदिरा फिर राजीव गांधी ने किया अन्याय
Advertisement
trendingNow11581039

एस जयशंकर ने किया बड़ा खुलासा, कहा- मेरे पिता के साथ पहले इंदिरा फिर राजीव गांधी ने किया अन्याय

Delhi news: मंत्री जयशंकर के मुताबिक वह एक विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहते थे और ऐसा सोचते हुए उनके सामने पिता का अक्स बन जाता था. जयशंकर ने बताया कि उनके पिता डॉ. के सुब्रमण्यम ने अपने करियर की शुरुआत 1979 में जनता सरकार से शुरू की थी. जयशंकर के पिता का 2011 में निधन हो गया था और वह अपने बेटे को सचिव बनते हुए नहीं देख सके थे.

विदेश मंत्री एस जयशंकर

Delhi: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया. उन्होंने अपने पिता से जुड़ी हुई कई बातें साझा की. उन्होंने कहा कि मेरे पिता एक ब्यूरोक्रेट थे. जो बाद में सचिव बने थे. लेकिन उनके साथ बहुत अन्याय हुआ. पहले इंदिरा फिर राजीव गांधी ने उनके साथ अन्याय किया. जयशंकर के पिता डॉ. के सुब्रमण्यम एक रणनीतिक विशेषज्ञ माने जाते है. एस जयशंक ने यह बातें मंगलवार को ब्यूरोक्रेट्स से मिनिस्टर बनने के अपने सफर की दास्तान सुनाते हुए बताई. एस जयशंकर ने एएनआई के साथ इंटरव्यू में और भी तमाम बातें साझा की हैं. मंत्री जयशंकर के मुताबिक वह एक विदेश सेवा अधिकारी बनना चाहते थे और ऐसा सोचते हुए उनके सामने पिता का अक्स बन जाता था. जयशंकर ने बताया कि उनके पिता डॉ. के सुब्रमण्यम ने अपने कैरियर की शुरुआत 1979 में जनता सरकार से शुरू की थी. जयशंकर के पिता का 2011 में निधन हो गया था और वह अपने बेटे को सचिव बनते हुए नहीं देख सके थे.

इंदिरा गांधी ने पिता को पद से हटाया
एस जयशंकर ने बताया कि पिता सेक्रेट्री डिफेंस प्रोडक्शन थे. जब 1980 में इंदिरा गांधी सत्ता में वापस आई तो उन्होंने पिता को पद से हटा दिया. इतना ही नहीं आगे चलकर राजीव गांधी सरकार में भी उनके पिता का रास्ता रोकने की कोशिश चलती रही. तब उनसे किसी जूनियर को कैबिनेट सेक्रेटरी बनाने के लिए उन्हें हटा दिया गया था. इसके बाद पिता कभी भी सेक्रेटरी नहीं बने. पिता को इस बात का मलाल रहा लेकिन वह इस बारे में कभी किसी से कोई बात नहीं करते थे. जयशंकर के मुताबिक यही वजह थी कि जब बड़े भाई पहली बार सेक्रेटरी बने तो पिता को बहुत गर्व हुआ था.

पिता के सामने नहीं बन पाया सचिव
जयशंकर ने बताया कि पिता का सपना था कि मैं भी सचिव बनू, मगर उनके रहते ऐसा नहीं हो सका. 2011 में पिता का निधन हो गया था. उस समय मैं ग्रेट वन का अधिकारी बन पाया था. जैसे कि एक राजदूत. पिता के गुजरने के बाद में सेक्रेटरी बना. उन्होंने बताया कि उस वक्त तक लक्ष्य बस सेक्रेटरी बनना ही था. 2018 में मैं टाटा संस में था. वहां सब कुछ सही चल रहा था. तभी यह राजनीतिक मौका आया. एस जयशंकर ने बताया कि मैं इसके लिए तैयार नहीं था तो इसलिए मैंने समय मांगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट ज्वाइन करने के लिए खुद उनसे पूछा था. उस दौरान पहली बार प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news