IPS ऑफिसर का भाई बना हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी, कर रहा था डॉक्टरी की पढ़ाई
Advertisement
trendingNow1416195

IPS ऑफिसर का भाई बना हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी, कर रहा था डॉक्टरी की पढ़ाई

रविवार को आतंकी बुरहान वानी की दूसरी बरसी पर हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एक युवा आतंकी की तस्वीर जारी की है. हाथ में बंदूक थामे शमसुल हक मेंगनू (Shamsul Haq Mengnoo) नामक यह युवा आईपीएस ऑफिसर का भाई है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

श्रीनगर: भारत सरकार और सेना लगातार इस कोशिश में जुटी है कि जम्मू कश्मीर के युवा आतंकियों के बहकावे में आकर गलत रास्ते में पर न जाएं, लेकिन इसपर पूरी तरह लगाम नहीं लग पा रहा है. ताजा मामला बेहद चौंकाने वाला है. रविवार को आतंकी बुरहान वानी की दूसरी बरसी पर हिजबुल मुजाहिद्दीन ने एक युवा आतंकी की तस्वीर जारी की है. हाथ में बंदूक थामे शमसुल हक मेंगनू (Shamsul Haq Mengnoo) नामक यह युवा आईपीएस ऑफिसर का भाई है. शमसुल के छोटे भाई नॉर्थ-इस्ट कैडर में आईपीएस हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि शमसुल भी बीयूएमएस (बैचलर आफ यूनानी मेडिसन एंड सर्जरी) का छात्र है।

  1. शमसुल हक मेंगनू नामक युवक की उम्र 25 साल है
  2. उसका छोटा भाई नॉर्थ इस्ट कैडर में IPS ऑफिसर हैं
  3. पिता ने शमसुल के लापता होने की शिकायत थाने में दी थी

बताया जा रहा है कि यह युवा 22 मई से कश्मीर यूनिवर्सिटी से गायब होने के बाद हिजबुल में शामिल हो गया था. हिजबुल की ओर से इस युवा की तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी करते ही वायरल हो गई है. बुरहान वानी की बरसी पर हिजबुल ने शमसुल के अलावा कई और युवा आतंकवादियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर जारी की है. 

ये भी पढ़ें: बुरहान वानी की बरसी, कश्मीर घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, रोकी गई अमरनाथ यात्रा

25 वर्षीय शमसुल मूल रूप से दक्षिणी कश्मीर में स्थित शोपियां जिले के ड्रागुड (Draggud) गांव का रहने वाला है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शमसुल का छोटा भाई इनामुल हक साल 2012 से नॉर्थ ईस्ट कैडर में बतौर आईपीएस ऑफिसर पोस्टेड हैं. 22 मई को जाकुरा पुलिस थाने में शमसुल के मां-पिता ने उसके गुमशुदा होने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 

उन्होंने बताया कि 25 मई को शमसुल ने हिजबुल में शामिल हो गया था. हिजबुल ने इसका नाम बुरहान सैनी बताया है.

ये भी पढ़ें: जम्‍मू-कश्‍मीर में मुश्किल भरे हैं अगले 72 घंटे, श्रीनगर पहुंचे राजनाथ सिंह और अजीत डोभाल

मालूम हो कि पिछले दो साल से कश्मीर के काफी युवाओं ने आतंक की राह पकड़ ली है. एक अनुमान के मुताबिक जितने भी आमंकी बने हैं उनमें करीब 50 फीसदी युवा हैं.

शमसुल के पिता मोहम्मद रफीक मेंगनू ने पुलिस को बताया कि वह जकुरा कैंपस से बैचलर ऑफ यूनानी मेडीसिन एंड सर्जरी की पढ़ाई कर रहा था.

ये भी पढ़ें: घाटी में सेना ने आतंक के इन 10 'चेहरों' का 29 महीने में चुन चुनकर किया काम तमाम

सूत्रों का कहना है कि दर्जनों युवा बुरहान वानी के गांव सैइफाबाद (Shaiefabad) जुटे थे. वे यहां बुरहान की कब्र पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. हालांकि सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागकर उन्हें वहां से हटा दिया था. ऐहतियातन शनिवार से ही त्राल इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news