भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन (इसरो) ने 'विक्रम लैंडर' के संबंध में मंगलवार को कहा कि उससे संपर्क स्थापित करने की सभी कोशिशें की जा रही हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च संगठन (इसरो) ने 'विक्रम लैंडर' (Lander Vikram) के संबंध में मंगलवार को कहा कि उससे संपर्क स्थापित करने की सभी कोशिशें की जा रही हैं. अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ''चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है, लेकिन अभी तक उससे संपर्क नहीं हो सका है. उससे संपर्क स्थापित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं.'' इसरो ने हालांकि यह नहीं बताया कि चांद की सतह पर लैंडर इस समय किस स्थिति में है. इससे पहले सोमवार को इसरो (ISRO) ने कहा था कि चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) का लैंडर विक्रम (Lander vikram) चांद की सतह पर गिरने के बाद नहीं टूटा है. इसरो के सूत्रों ने कहा था कि लैंडर विक्रम को जैसे उतरना चाहिए था वैसे वह नहीं उतरा. इसरो ने कहा है कि लैंडर विक्रम से संपर्क की कोशिशें जारी हैं.
इसरो का बयान ऐसे वक्त आया है जब बीते दिनों चेयरमैन के सीवान ने कहा था कि चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की थर्मल इमेज भेजी है. के सीवान ने रविवार को कहा था, ''हम उससे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बारे में जल्द ही सूचित किया जाएगा.'' हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
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उल्लेखनीय है कि सात सितंबर को विक्रम लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था लेकिन उससे चंद मिनट पहले संपर्क टूट गया. जब वह चंद्रमा की सतह से 2.1 दूर था तभी उसका ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया.
अगर ये अभियान सफल हो जाता तो यूएसएसआर, अमेरिका और चीन के बाद चांद पर कामयाबी हासिल करने वाला भारत चौथा मुल्क होता. सिर्फ इतना ही नहीं चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला मुल्क होता. हालांकि उससे पहले दो सितंबर को विक्रम लैंडर, चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक पृथक हो गया था.