सभी की आंखें भिगा देने वाला दृश्य तब आया जब शहीद अरशद के चार साल के बेटे ने तिरंगे में लिपटे अपने पिता के शव को सलामी दी. श्रीनगर के SSP एच हसीब उस मासूम को गोद में उठाए हुए थे, लेकिन इस दृश्य को देखकर वह भी अपने आंसू रोक नहीं पाए. उनकी आंखें भी छलक उठीं.
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने सोमवार को अपने वीर सिपाही SHO अरशद खान को नम आंखों से विदाई दी. अरशद खान 12 जून को अनंतनाग में हुए फिदायीन हमले के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए थे और रविवार दोपहर दिल्ली स्थित AIIMS में उनकी मौत हुई. सोमवार को श्रीनगर में पुलिस मुख्यालय में जब अरशद को श्रद्धांजलि देने के लिए वरिष्ठ अधिकारी और जवान आए तो सब की आंखें नम थीं. सभी की आंखें भिगा देने वाला दृश्य तब आया जब शहीद अरशद के चार साल के बेटे ने तिरंगे में लिपटे अपने पिता के शव को सलामी दी. श्रीनगर के SSP एच हसीब उस मासूम को गोद में उठाए हुए थे, लेकिन इस दृश्य को देखकर वह भी अपने आंसू रोक नहीं पाए. उनकी आंखें भी छलक उठीं.
2002 में पुलिस में भर्ती हुए SHO अरशद खान 12 जून को बहादुरी की मिसाल पेश की थी. शाम 5 बजे जैश से जुड़े आतंकियों ने CRPF की एक गाड़ी पर फ़िदायीन हमला किया. हमला अनंतनाग के KP (खंबल अनंतनाग) रोड पर हुआ, जो भीड़भाड़ वाला इलाका है. हमले में CRPF के 8 जवान और अफसर बुरी तरह घायल हुए. जिन में से पांच शहीद हुए.
Jammu & Kashmir: SSP Srinagar Dr M Haseeb Mughal carried the son of
SHO Anantnag, Arshad Khan in his lap during his wreath laying ceremony earlier today. SHO Arshad Khan was injured in Anantnag terror attack on June 12 & succumbed to his injuries y'day.(Pic courtesy: J&K Police) pic.twitter.com/t4pYgPdBIP— ANI (@ANI) June 17, 2019
चश्मदीदों के मुताबिक़ गाड़ी पर हमला करके आतंकी दूसरी गाड़ी की तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे. तभी अनंतनाग के सदर थाने में SHO अरशद खान मौके पर पहुंचे. अपनी परवाह किए बिना SHO अरशद ने आतंकी को ढेर कर दिया. मगर आतंकी की दो गोलियां उनके सीने में भी लगीं. वह बुरी तरह घायल हुए. घायल होने के बावजूद भी अरशद ने बन्दूक संभाली और आतंकी को मौत के घाट उतार दिया. अरशद ने अपनी जान देकर ना सिर्फ अपने साथ जवानों की जान बचाई बल्कि आम नागरिको की जान बचाई.
अरशद को तुरंत अनंतनाग से श्रीनगर सेना के अस्पताल में एयर लिफ़्ट किया गया. वहां जब सुधार नहीं दिखा तो कश्मीर से सबसे बड़े अस्पताल शेर कश्मीर भेजा गया. दो दिन बाद अरशद को दिल्ली के AIIMS पहुंचाया गया. मगर अरशद ज़िंदगी की जंग जीत नहीं सके. सोमवार को उनके पार्थिव शरीर को कश्मीर लाया गया. उनके शव को उसके घर लाया गया. फिर उसे श्रीनगर की ज़िला पुलिस लाइन लाया गया.
राज्यपाल के एडवाइजर विजय कुमार (जो राज्य की होम विभाग के भी इंचार्ज है) ने कहा अरशद ने घटना के बारे में सुनते ही घटना स्थल पर पहुंच गए. उन्होंने साथियों की जान बचाई और साथ आम नागरिकों की भी जान बचाई. हमें ऐसे अफ़सरों पर गर्व है.” अरशद खान श्रीनगर के बाल गार्डन इलाक़े के रहने वाले थे. अरशद के परिवार में उनकी पत्नी के इलवा 4 साल का बेटा और 3 साल के बेटी है. परिवार में माता पिता है और एक भाई है.
अरशद खान 2002 में पुलिस में सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती हुए थे. पहली पोस्टिंग अनंतनाग के सिरिगुफवरा में हुई. फिर वह सेंट्रल कश्मीर के गंदेरबल, चडोर, बीजभाड़ा में SHO के तौर पर तैनात रहे और कुछ दिन पहले उन्हें अनंतनाग ट्रांसफर किया गया था. अरशद को 2013 में प्रमोशन दिया गया था. अरशद खान के बैच मेट अदिल ने कहा “अरशद बेहद निडर अफ़सर थे. उनमें किसी भी स्थिति से निपटने की क्षमता थी. उनमें एक सक्षम पुलिस अफ़सर की सलाहियत थी. आतंकवाद से लड़ने के अलावा वह आम लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे.”