सीआरपीएफ के दोनों जवानों की बहादुरी को देखते हुए उन्हें महानिदेशक द्वार दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान डीजी डिस्क से सम्मानित करने की घोषणा की गई है.
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नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के दो जवानों की बहादुरी के चलते एक किशोरी की जान बचा ली गई. मामला बारामूला जिले के कानपोरा कुंजेर का है. दरअसल, 14 वर्षीय नगीना नामक नदी में कपड़े धो रही थी. इसी दौरान नगीना का दुपट्टा नदी में गिर गया. नगीना नदी से अपना दुपट्टा निकालने का प्रयास कर रही थी, तभी उसका पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गई.
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नदी का बहाव बहुत अधिक होने की वजह से नगीना खुद को संभाल नहीं सकी और पानी के बहाव के साथ बहने लगी. इसी दौरान, नगीना ने मदद के लिए गुहार लगाना शुरू कर दी. नगीना की गुहार समीप में मौजूद सीआरपीएफ के जवानों तक जा पहुंची. सीआरपीएफ के जवानों ने देखा नगीना पानी के तेज बहाव के साथ बह रही है.
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौके पर मौजूद दो जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में छलाग लगा दी. कठिन कवायद के बाद जवानों ने नगीना को पकड़कर पत्थर के सहारे रोक लिया. इसी बीच, मौके पर मौजूद अन्य सीआरपीएफ कर्मियों ने मानव श्रंखला बनाकर नगीना को नदी से बाहर निकाल लिया. नगीना को समीप के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है.
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अपनी बहादुरी से नगीना को बचाने वाले दोनों जवान कांस्टेबल एमजी नायडू और कांस्टेबल एन उपेंद्र हैं. उन्होंने बताया कि बहादुरी का अद्भुत उदाहरण पेश करने वाले दोनों जवान सीआरपीएफ की 176वीं बटालियन में तैनात हैं. दोनों की बहादुरी को देखते हुए उन्हें महानिदेशक द्वार दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान डीजी डिस्क से सम्मानित करने की घोषणा की गई है.