जम्मू कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी की 'टूटी कमर', 6 जिलों में दर्जनों संपत्तियां सील
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जम्मू कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी की 'टूटी कमर', 6 जिलों में दर्जनों संपत्तियां सील

इस समूह से संबंधित कम से कम छह बैंक खातों का पता चला और संबंधित बैंकों को इस पर रोक लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से आदेश दे दिये गए हैं. 

.(फाइल फोटो)

जम्मू: जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि जमात ए इस्लामी के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है और प्रदेश के छह जिलों में एक दर्जन से अधिक संपत्तियों को सील कर दिया गया है.  पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के किश्तवाड़, डोडा, रामबन, पुंछ, रजौरी और जम्मू जिलों में शनिवार को जमात नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों में छापेमारी की गयी और इस दौरान बड़ी तादाद में बरामद दस्तावेजों को जब्त किया गया. उन्होंने कहा कि इस समूह से संबंधित कम से कम छह बैंक खातों का पता चला और संबंधित बैंकों को इस पर रोक लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से आदेश दे दिये गए हैं.

केंद्र सरकार ने गुरूवार को आतंकवाद निरोधक कानून के तहत जमात ए इस्लामी जम्मू कश्मीर को आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क रखने के मामले में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद गृह मंत्रालय की ओर से गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन को प्रतिबंधित करने के संबध में अधिसूचना जारी की गयी थी.

संगठन के शीर्ष नेताओं समेत 150 कार्यकर्ताओं को कश्मीर घाटी में पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था, जहां इस संगठन की उपस्थिति बड़े पैमाने पर थी. अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद माजिद शेख, मोहम्मद इकबाल नाइक, गुलाम कादिर भट्ट को किश्तवाड़ से गिरफ्तार किया गया जबकि जमात के अन्य नेता गुलाम नबी गुंडाना को घर में नजरबंद कर दिया गया है क्योंकि हाल ही में उसकी शल्य चिकित्सा हुई है.

उन्होंने बताया कि जमात के दो कार्यकर्ताओं को डोडा में हिरासत में लिया गया जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में जमात ए इस्लामी की ओर से चलाये जाने वाले सभी स्कूलों में शनिवार को तलाशी ली गयी हालांकि, इन स्कूलों को सील नहीं किया गया है लेकिन उनकी निगरानी की जा रही है.

इस बीच प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री जी एम सरूरी ने सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कहा है कि संगठन के खिलाफ कार्रवाई देश के लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ है. किश्तवाड़ जिले के रहने वाले सरूरी ने कहा, ‘‘जमात कोई आतंकवादी संगठन नहीं है.

पिछले छह दशकों से यह संगठन राज्य में 300 से अधिक स्कूल चला रहा है और हजारों शिक्षित युवकों को रोजगार दे रहा है.’’ उन्होंने कहा कि धार्मिक संगठन के खिलाफ कार्रवाई आसन्न लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’’ लगती है. मोहम्मद इकबाल नाइक की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि वह बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं और चिकित्सक के रूप में अपनी सेवायें दे चुके हैं.

 

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