पूर्व IPS भारती घोष ने थामा BJP का दामन, कभी ममता बनर्जी की रही थीं खास
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पूर्व IPS भारती घोष ने थामा BJP का दामन, कभी ममता बनर्जी की रही थीं खास

पूर्व आईपीएस भारती घोष पर जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं.

घोष को 15 अगस्त, 2014 में पुलिस सर्विस मेडल भी दिया गया था. (फोटो सौजन्य: ANI)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Electios 2019) से पहले पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी जड़ें जमाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल की पूर्व आईपीएस भारती घोष बीजेपी का दामन थाम लिया. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. गौरतलब है कि भारती घोष एक समय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी मानी जाती थीं.

 

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घोष पर लगे हैं जबरन वसूली समेत कई आरोप
आपको बता दें कि पूर्व आईपीएस भारती घोष पर जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने के आरोप हैं. वहीं, उनके पति सीआईडी की कस्टडी में हैं. इस मामले में पश्चिम बंगाल सीआईडी ने कुछ समय पहले ही चार्जशीट में घोष के साथ आठ लोगों को भगोड़ा दर्शाया था. हालांकि, इस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुझे भगोड़ा साबित कर कुछ लोग मेरी छवि को खरीब करना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और इस कारण उन्हें भगोड़ा साबित नहीं किया जा सकता है.

हाल ही में की थी राजनीतिक दल से जुड़ने की घोषणा
पश्चिम बंगाल की सीआईडी ने बीते साल फरवरी में चंदन मांझी की शिकायत पर भारती घोष के ऊपर मुकदमा दर्ज किया था. सीआईडी ने चार्जशीट में कहा था कि घोष के स्वामित्व वाले ठिकानों से सिलसिलेवार छापों में भारी मात्रा में नगदी और सोने की ज्वैलरी बरामद की गई थी. आपको बता दें कि भारती घोष ने हाल ही में कहा था कि वे जल्द ही किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होंगी. 

राज्य सरकार ने दिया था पुलिस सर्विस मेडल
बता दें कि 2011 में पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी के सत्ता में आने पर भारती घोष को पश्चिम मिदनापुर की एसपी के साथ झारग्राम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. घोष को 15 अगस्त, 2014 में पुलिस सर्विस मेडल भी दिया गया था. उन्हें यह मेडल क्षेत्र को माओवाद से मुक्त करने, माओवादी नेता किशन जी उर्फ कोटेश्वर राव की मौत और कई माओवादी नेताओं के आत्मसमर्पण के लिए दिया गया था. वहीं, 2014 लोकसभा चुनाव के समय उनका तबादला 24 परगना जिले के बैरकपुर में स्थित राज्य सशस्त्र पुलिस(एसएपी) की तीसरी बटालियन में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर कर दिया गया था जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. 

 

 

राज्य में पुलिस बनाम सीबीआई का मुद्दा गर्म 
वहीं, अब भारती घोष के बीजेपी में शामिल होने पर राजनीतिक पंडितों का मानना है कि घोष के इस कदम से पश्चिम बंगाल में बीजेपी की स्थिति मजबूत होगी. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में राज्य पुलिस और सीबीआई के बीच रविवार (3 फरवरी) को हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ था. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव नगर से सारदा चिटफंड मामले में पूछताछ करने पहुंची सीबीआई के अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, इसके बाद से ही सीएम ममता केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं. यह धरना 8 फरवरी तक चलेगा. 

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