इंडियन एयरफोर्स के नेतृत्व में एएन-32 दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान
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इंडियन एयरफोर्स के नेतृत्व में एएन-32 दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान

डिफेंस पीआरओ विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा, "हेलीकॉप्टरों द्वारा दुर्घटना स्थल पर टीमों को भेजने के साथ बचाव अभियान शुरू हो गया है. 

3 जून को लापता हुआ था भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान. (फाइल फोटो)

ईटानगर : भारतीय वायुसेना, भारतीय सेना और अरुणाचल प्रदेश के नागरिक प्रशासन ने एएन-32 विमान के दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए बुधवार को बड़े पैमाने पर एक अभियान शुरू किया. एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी. 

डिफेंस पीआरओ विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा, "हेलीकॉप्टरों द्वारा दुर्घटना स्थल पर टीमों को भेजने के साथ बचाव अभियान शुरू हो गया है. इस अभियान में सेना के एमआई-17 और एएलएच का उपयोग किया जा रहा है."

जिस स्थान पर भारतीय वायु सेना के विमान एएन-32 का मलबा देखा गया है, वह लिपो के उत्तर में 16 किलोमीटर दूर स्थित है और शि योमी जिले के पयूम क्षेत्र के अंतर्गत गैट्टे से लगभग 12 से 15 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है.

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अरुणाचल प्रदेश की इस घाटी में ही मिले हैं एएन-32 विमान के टुकड़े. फोटो google map

मलबा मंगलवार दोपहर को देखा गया जब भारतीय वायुसेना, सेना और नागरिक प्रशासन की संयुक्त टीमों ने क्षेत्र में हवाई सर्वे किया.

शि योमी जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ग्राउंड पार्टियों को दुर्घटना स्थल तक पहुंचने में कुछ समय लग सकता है. इस क्षेत्र में काफी पेड़-पौधे हैं और दुर्गम इलाके में अक्सर जमीनी खोज दल को आगे बढ़ने में मुश्किलें आती हैं."

हालांकि वायुसेना ने मलबे को ढूंढ़ लिया है, लेकिन विमान में सवार 13 लोगों के बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है, जिन्होंने तीन जून को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका के लिए जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरी थी.

 

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