लोकसभा चुनाव 2019: BJP को बड़ी राहत, इस बड़े दल ने महागठबंधन से बनाई दूरी
Advertisement

लोकसभा चुनाव 2019: BJP को बड़ी राहत, इस बड़े दल ने महागठबंधन से बनाई दूरी

नवीन पटनायक ने साफ किया कि बीजेडी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है. बीजेडी कांग्रेस और बीजेपी से समान दूरी बनाकर रखेगी. 

ओडिशा में बीजेडी लंबे समय से सत्ता में है. नवीन पटनायक यहांं साल 2000 से मुख्यमंत्री हैं.

भुवनेश्वर: ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने कांग्रेस महागठबंधन की परिकल्पना को बड़ा झटका दिया है. बीजेडी चीफ और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वह महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में नवीन पटनायक ने साफ किया कि बीजेडी महागठबंधन का हिस्सा नहीं है. बीजेडी कांग्रेस और बीजेपी से समान दूरी बनाकर रखेगी. मालूम हो कि ओडिशा में लोकसभा की 21 सीटें हैं. माना जा रहा है कि बीजेडी के महागठबंधन में शामिल नहीं होने से बीजेपी के लिए अच्छा साबित हो सकता है. बीजेपी जनता के सामने कह सकती है कि विपक्षी दलों में एकता नहीं है.

  1. ओडिशा में लोकसभा की 21 सीटें हैं
  2. ओडिशा में BJD का काफी जनाधार माना जाता है
  3. ओडिशा में बीजेपी खुद को मजबूत करने में जुटी है

इससे पहले मंगलवार को नवीन पटनायक ने मंगलवार को यहां कहा कि विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल होने के विषय पर फैसला उनकी पार्टी बाद में करेगी, क्योंकि उसे अपने निर्णय को ठोस रूप देने के लिए कुछ वक्त चाहिए.

धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मांग को लेकर यहां बीजद के धरना में भाग लेते हुए पटनायक ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2014 के अपने चुनाव घोषणा पत्र में इस बारे में वादा करने के बावजूद इस मांग की अनदेखी की. महागठबंधन में शामिल होने के बारे में उनकी पार्टी का रूख पूछे जाने पर पटनायक ने कहा, ‘हमें कुछ वक्त लगेगा और इस बारे में विचार करेंगे.’

ये भी पढ़ें: यूपी: इतनी आसान नहीं है महागठबंधन की राह, एक सांसद वाली पार्टी ने मांगी 5 सीटें

गौरतलब है कि भाजपा ने ओडिशा में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश तेज कर दी है जहां 2014 के आम चुनाव में पार्टी ने 21 लोकसभा सीटों में मात्र एक पर जीत हासिल की थी. बीजद ने 20 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. बीजेपी ओडिशा में 2017 में हुए पंचायत चुनाव में भारी जीत हासिल करने के बाद बीजद को वहां सत्ता से बेदखल करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है. दिलचस्प है कि पिछले साल अगस्त में राज्यसभा के उप सभापति के लिए हुए चुनाव में बीजद के नौ सांसदों ने राजग उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह के समर्थन में वोट डाला था. 

fallback

बीजेडी ने दिल्ली में दिखाई ताकत
ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख नवीन पटनायक ने मंगलवार को यहां धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने को लेकर अपनी पार्टी द्वारा आयोजित धरने में भाग लिया और साथ ही अपना वादा पूरा नहीं करने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की. धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मांग को लेकर यहां बीजद के धरने में भाग लेते हुए पटनायक ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2014 के अपने चुनाव घोषणा पत्र में इस बारे में वादा करने के बावजूद इस मांग की अनदेखी की. 

बाद में धान के लिए एमएसपी की मांग करते हुए पटनायक की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और उनसे अपील की कि वह ओडिशा के किसानों के हितों की रक्षा के लिए धान का एमएसपी 2,930 रूपये प्रति क्विंटल घोषित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार खाद्यान्न के लिए एमएसपी बढ़ाने के आश्वासन के साथ सत्ता में आयी थी. मैं इस मांग को लेकर कई बार केंद्र के पास गया लेकिन मांग की अनदेखी की गयी.भाजपा ने 2014 में वादा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपने वादे को भूल गयीं.’ धरने में बीजू जनता दल के सांसदों, विधायकों, अन्य नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया, जिसका आयोजन यहां तालकटोरा स्टेडियम में किया गया था.

ये भी पढ़ें: 'अपना दल' को अपनाने की तैयारी में अखिलेश यादव, क्या मोदी सरकार को दे पाएंगे जोर का झटका?

उधर, भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजू जनता दल (बीजद) सुप्रीमो और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक धान की कीमतों के मुद्दे को लेकर यहां अपने विरोध प्रदर्शन के जरिए केंद्र सरकार पर दोष मढ़कर ‘अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे’ हैं.

पटनायक पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बीजद प्रमुख स्वामिनाथन कमेटी की सिफारिशों को उद्धृत करते हुए केंद्र सरकार से सवाल कर रहे हैं, लेकिन इससे अनजान हैं कि रिपोर्ट लिखने वाले एम एस स्वामिनाथन ने कृषि से आमदनी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार के उपायों की सराहना की है. ओडिशा के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए प्रधान ने कहा कि उन्होंने वही कहा जो उनके ‘अनभिज्ञ’ सलाहकारों ने उन्हें बताया, क्योंकि वह अधिकतर लिखित बयान पढ़ रहे थे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और ओडिशा में धान की खरीद के लिए अब तक मंडी नहीं खोली गयी हैं. उन्होंने कहा, ‘बीजद की मिल मालिकों के साथ सांठगांठ है इसलिए अब तक मंडी नहीं खोली गयी हैं. राज्य के किसानों को 1,100 से 1,200 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से इधर-उधर अपना धान बेचना पड़ रहा है.’ प्रधान ने कहा, ‘अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने नयी दिल्ली में प्रदर्शन किया. लेकिन, वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते. उन्हें जवाब देना चाहिए कि मंडी क्यों नहीं खोली गयी है. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 1750 रूपये प्रति क्विंटल एमएसपी के हिसाब से धान की खरीद क्यों नहीं हो रही.’ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी ओडिशा के रहने वाले हैं.

Trending news