धार्मिक भावनाएं भड़काने का लगा था आरोप, मध्यप्रदेश HC से कांग्रेस MLA आरिफ मसूद को राहत
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धार्मिक भावनाएं भड़काने का लगा था आरोप, मध्यप्रदेश HC से कांग्रेस MLA आरिफ मसूद को राहत

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद सहित कुल 7 लोगों पर भोपाल के इकबाल मैदान में भीड़ इकट्ठा कर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा था. 6 आरोपियों को भोपाल पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. 

आरिफ मसूद ने वीडियो के माध्यम से न्यायालय के फैसले का सम्मान किया.

जबलपुरः भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को जबलपुर हाई कोर्ट ने राहत दी है. शहर के इकबाल मैदान में भीड़ इकट्ठा कर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में फंसे विधायक को हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. मसूद को दो धाराओं में आरोपी बनाया गया है. IPC (इंडियन पेनल कोड) सेक्शन 153 A और CRPC (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) सेक्शन 438 के तहत केस दर्ज किया गया था.

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25 नवंबर के बाद सुरक्षित रखा आदेश
विधायक आरिफ मसूद पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप थे, उनके साथ 6 और लोगों को भी आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने आरिफ के अलावा 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. आरिफ ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत को लेकर पहले ही याचिका दायर कर दी थी. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 25 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखा था. आज 27 नवंबर शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरिफ मसूद को जमानत दे दी है.

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दो धाराओं में दर्ज है मामला
फ्रांस की घटना के विरोध में इकबाद मैदान में भीड़ इकट्ठा हुई थी, जिसमें आरिफ मसूद भी शामिल थे. जिसके बाद शहर की तलैया पुलिस ने पहले धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था. जिसे बाद में बदलकर, धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में आरिफ मसूद के साथ कुल 7 लोगों पर FIR की गई थी. 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. केस दर्ज होने के समय आरिफ मसूद बिहार चुनाव में व्यस्त थे. तब से पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

क्या था पूरा मामला
बीते दिनों भोपाल के इकबाल मैदान में मसूद द्वारा भीड़ इकट्ठा कर फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला और झंडा जलाया गया था. इस दौरान मसूद द्वारा भाषण दिया गया था कि फ्रांस के उक्त कृत्य का केंद्र व राज्य में बैठी हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी समर्थन कर रहे हैं. मसूद ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार ने फ्रांस के कृत्य का विरोध नहीं किया तो हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे.

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क्या हुआ था फ्रांस में?
फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास कॉन्फ्लांस सेन्ट होनोरिन इलाके में एक हत्या हुई थी. यहां के एक शिक्षक ने अक्टूबर में अपनी क्लास में पैगम्बर मोहम्मद साहब का कार्टून दिखाया था. वे छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी का पाठ पढ़ा रहे थे. कार्टून की खबर बाहर आते ही एक हमलावर ने 16 अक्टूबर को शिक्षक की गला काटकर हत्या कर दी थी. फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस घटना की तुलना इस्लामिक आतंकवाद से कर दी थी.

हमलावर तो पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर में मारा गया था. लेकिन राष्ट्रपति के बयान के बाद से विश्व के कई इस्लामिक देशों में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे. इन देशों के साथ ही मध्य प्रदेश के भोपाल में भी फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था.

 

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