RSS NEWS: केंद्र सरकार ने RSS की गतिविधियों और कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर 58 साल पहले लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है. अब मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने फैसले को बायस्ड बताया है.
Trending Photos
Politics On RSS Order: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर 58 साल पहले लगाए गए प्रतिबंध को केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को हटा दिया है. अब सरकारी कर्मचारी आरएसएस की गतिविधियों और कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे. केंद्र ने निर्देश जारी किया कि निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए. हालांकि, केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने फैसलो को एकतरफा बताया.
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि अफसर बायस्ड होंगे. स्वस्थ प्रजातंत्र के लिए यह ठीक नहीं. RSS के लोग बीजेपी में काम करते हैं. अगर हम कर्मचारियों में इसकी भूमिका तय करेंगे तो तो कर्मचारी बायस्ड होंगे. दलगत भावना के साथ कर्मचारी काम करेंगे ये अच्छा नहीं है. कर्मचारियों अधिकारियों को प्रेशराइज्ड कर अपनी ओर करने की कोशिश की जाती है. यह स्पष्ट प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं है.
ये भी पढ़ें- MP में कांग्रेस की टेंशन बढ़ा रहे तीसरे दल, क्या हाथ से छिटक रहा परंपरागत वोटबैंक ?
RSS ने फैसले को सराहा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि आरएसएस पर पाबंदी राजनीतिक स्वार्थ के चलते लगाई गयी थी.
शासकीय कर्मियों के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने पर पाबंदी हटाने के फैसले की तारीफ की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है. राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है.
राजनीतिक स्वार्थ में लगाया गया था प्रतिबंध: आंबेकर
आंबेकर ने कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था. शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है.
आदेश एकता के खिलाफ: ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिबंध वापस लेने पर भाजपा पर निशाना साधते कहा कि कोई भी सिविल सेवक अगर आरएसएस का हिस्सा है तो वह देश के प्रति वफादार नहीं रह सकता और यह आदेश भारत की एकता के खिलाफ है.