पन्ना टाइगर रिजर्व में दुलर्भ प्रजाति की कैट देखने को मिली है. जिस पर सीएम शिवराज ने भी खुशी जताई है.
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पीयूष शुक्ला/पन्नाः मध्य प्रदेश का पन्ना जिला दो चीजों के लिए सबसे ज्यादा मशहूर है एक हीरा तो दूसरा पन्ना टाइगर रिजर्व, जहां बाघों की दहाड़ सुनने को मिलती है, लेकिन इस बार पन्ना जिले के टाइगर रिजर्व में एक ऐसा नजारा देखने को मिला है. जो अपने आप में दुलर्भ है. दरअसल, यहां एक ऐसी बिल्ली देखने को मिली है, जिसका यहां दिखना पन्ना जिले के लिए बड़ी खुशखबरी मानी जा रही है, क्योंकि इससे इस बात का पता चल रहा है कि जैव विविधता की दृष्टि से पन्ना का जंगल कितना समृद्ध है.
पन्ना में दिखी डेजर्ट कैट
दरअसल, पन्ना टाइगर रिजर्व में इंडियन डेजर्ट कैट देखी गई है. टाइगर रिजर्व के अकोला बफर क्षेत्र में एक पर्यटक ने नाइट सफारी के दौरान इंडियन डेजर्ट कैट को देखा और अपने कैमरे में कैद किया है. प्रदेश के वन विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात का दावा किया है. पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के फील्ड ऑपरेटर उत्तर कुमार शर्मा ने शनिवार को कहा, ''एक पर्यटक ने रिजर्व के अकोला बफर जोन में हाल ही रात्री सफारी के दौरान ली गई एक इंडियन डेजर्ट कैट की तस्वीरों को मुहैया कराया है.''
सीएम शिवराज ने भी किया ट्वीट
वहीं पन्ना में डेजर्ट कैट दिखने पर सीएम शिवराज ने भी खुशी जताई, सीएम ने ट्वीट करते हिए लिखा कि राज्य के #PannaTigerReserve में पहली बार एक भारतीय डेजर्ट कैट के देखे जाने की खबर उत्साहजनक है. यह वन्यजीवों और वनों के संरक्षण में हमारी सरकार के प्रयासों की क्षतिपूर्ति करता है। हम मध्य प्रदेश की समृद्ध जैविक विविधता और वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं.
News of an Indian Desert Cat being spotted for the first time in State's #PannaTigerReserve is encouraging.
It indemnifies our Government's efforts in protection of wildlife and forests. We are committed to conserve rich biological diversity and flora & fauna of Madhya Pradesh. https://t.co/rpW8ncqAS9
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 20, 2021
क्या है इंडियन डेजर्ट कैट की खासियत
पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि यह बिल्ली रेगिस्तान में रहती है और कई दिनों तक बिना पानी पिए जिंदा रह सकती है, जो इसकी सबसे बड़ी खासियत है. इसकी खासियत यह भी है कि ये गर्मी व ठंड से बचने के लिए अपने गद्दीगार पैरों का सहारा लेती है. इसकी पैरों तले गद्दी में बाल होते हैं जिससे गर्मियों और ठंड में भी यह आसानी से अपना शिकार तलाश लेती है. पीटीआर के रिकॉर्ड में पहले इस जंगली बिल्ली की मौजूदगी दर्ज की गई थी.
शिकार के लिए 5 से 6 किलोमीटर का सफर
यह बिल्ली राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में दिख चुकी है. इसे बीकानेर, बाड़मेर, पाली, नागौर जैसलमेर जिलों में देखा गया था. दुर्लभ प्रजाति की यह बिल्ली आमतौर पर दिन के दौरान भूमिगत मांद में आराम करती है और रात में शिकार करती है. यह बिल्ली अपने शिकार की तलाश में 5 से 6 किलोमीटर तक चल लेती है, जो छोटे-छोटे जीव-जंतुओं का शिकार करती है. यह सांपों को भी आराम से मार लेती है. डेजर्ट कैट के पैरों तले तेज तापमान से बचाव के लिए गद्दी में फर विकसित होते हैं, ये बड़े फर बिल्ली के पांव को गर्मी के साथ-साथ तेज ठंड से भी बचाते हैं. इसके अलावा पंजे में बहुत सारे बाल होने की वजह से बिल्ली रेगिस्तानी में फूटमार्क नहीं छोड़ती है, जिससे किसी भी शिकारी के लिए इस बिल्ली को ढूंढ पाना मुमकिन नहीं हो पाता.
पन्ना के लिए बड़ी बात
यह बिल्ली अपने शरीर के पानी की जरूरत शिकार से पूरा कर लेती है, जाहिर है कि पानी की उपलब्धता न होने की स्थिति में भी यह जीवित रह सकती है. पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगल में डेजर्ट कैट की उपलब्धता के फोटोग्राफिक प्रमाण नहीं था. लेकिन इसका जिक्र जरूर है कि यह पन्ना के जंगल में है. क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि हम यह जानने के लिए पुराना रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं कि पहले कभी इसकी मौजूदगी रिकॉर्ड की गई है या नहीं.
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