देश में 2024 लोकसभा चुनाव तक होने लगेगी रिमोट वोटिंग! EC के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में जानिए
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देश में 2024 लोकसभा चुनाव तक होने लगेगी रिमोट वोटिंग! EC के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में जानिए

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने  कहा कि चुनाव आयोग जल्द ही विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद इस तरह के वोटिंग के अंतिम मॉडल को आकार देगा.

सांकेतिक तस्वीर.

नई दिल्ली: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने संभावना जताई है कि अगले लोकसभा चुनाव (2024) तक देश के लोगों को रिमोट वोटिंग का विकल्प मिल सकता है. हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy) में प्रोबेशनरी आईपीएस अफसरों से बातचीत के दौरान जब सीईसी सुनील अरोड़ा से पूछा गया कि क्या आयोग नागरिकों के लिए रिमोट जगह से वोट करने की सुविधा के लिहाज से ऐप आधारित ई-वोटिंग शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है? 

इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''हम आईआईटी-मद्रास, चेन्नई और कुछ जानेमाने वैज्ञानिकों के साथ ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक आप चुनाव आयोग के काम करने के तरीके में व्यापक बदलाव देखेंगे.''

क्या है 'ब्लॉकचेन तकनीक'? जिस पर काम कर रहा है चुनाव आयोग
ब्लॉकचेन एक तरह से सूचनाओं को रिकॉर्ड करने की प्रणाली है जो सिस्टम को बदलने, हैक या धोखा देने को मुश्किल या असंभव बना देती है. एक ब्लॉकचेन ट्राजेंक्शन का एक डिजिटल लेजर है. इस तकनीक में डेटा किसी सेंट्रल सर्वर में स्टोर नहीं होता है बल्कि सैकड़ों, हजारों कम्प्यूटर्स में अलग-अलग स्टोर होता है. 

ब्लाकचेन तकनीक पर आधारित इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए वोटरों को पूर्व निर्धारित समयावधि के दौरान पहले से तय जगह पर पहुंचना होगा. वहां पर बायोमीट्रिक अटेंडेंस लेने और वेब कैमरे पर फोटो खिंचने के बाद उन्हें वोट डालने की अनुमति दी जाएगी. अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग जल्द ही विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद इस तरह के वोटिंग के अंतिम मॉडल को आकार देगा. इससे पहले राजनीतिक दलों और अन्य संबंधित लोगों के साथ राय मशविरा किया जाएगा.

रिमोट वोटिंग का मतलब घर बैठे या इंटरनेट से मतदान बिल्कुल नहीं है
भारतीय चुनाव आयोग ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जिसके जरिए दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं को वोट डालने के लिए तय मतदाता केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि चुनाव आयोग यह साफ कर चुका है कि रिमोट वोटिंग का मतलब इंटरनेट आधारित वोटिंग या घर बैठे वोटिंग की सुविधा से बिल्कुल नहीं है. 

आप सोच रहे होंगे कि फिर रिमोट वोटिंग का विकल्प लोगों को किस रूप में मिलेगा? इस बारे में तभी पुख्ता और स्पष्ट जानकारी​ मिल पाएगी जब चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग कॉन्सेप्ट का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा यह बात भी कह चुके हैं कि यदि पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो भविष्य में इंटरनेट के जरिए मतदान भी संभव हो सकेगा.

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