महाकालेश्वर से सीधे जा सकेंगे त्र्यंबकेश्वर, 4 ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचना होगा आसान, परियोजना पर काम शुरू
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महाकालेश्वर से सीधे जा सकेंगे त्र्यंबकेश्वर, 4 ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचना होगा आसान, परियोजना पर काम शुरू

Indore-Manmad Rail Project: मध्य प्रदेश में इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना को शुरू किया जा रहा है. सीएम मोहन यादव ने हाल ही में इंदौर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. इस परियोजना से चार प्रमुख ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचना आसान होगा. इस रूट पर डबल लेन वाले ट्रैक का निर्माण किया जाएगा. इस पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी.  

महाकालेश्वर से सीधे जा सकेंगे त्र्यंबकेश्वर, 4 ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचना होगा आसान, परियोजना पर काम शुरू

Mahakaleshwar To Trimbakeshwar: जल्द ही इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना की शुरुआत की जा रही है. आदिवासी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के साथ नई नौकरियों के अवसर प्रदान करेगी. ये धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी अहम है. इससे चार प्रमुख ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचना आसान हो जाएगा. इसके अलावा हाई स्पीड वाली ट्रेनों के साथ कनेक्टिविटी में सुधार होगा. यात्रियों को महाकालेश्वर से त्र्यंबकेश्वर तक सीधी कनेक्टिविटी की सुविधा होगी. 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि परियोजना को 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें ट्रैक पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चल सकेंगी. आगे कहा कि बड़वानी और खरगोन जैसे क्षेत्र पहली बार भारतीय रेलवे के नक्शे में शामिल होंगे. इन क्षेत्रों के रेलवे नेटवर्क का हिस्सा बन जाने पर इनकी कनेक्टिविटी और पहुंच में सुधार होगा. 

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ट्रैक की डिजाइन होगी बेहतरीन  
नई इंदौर-मनमाड रेलवे परियोजना के अंतर्गत ट्रैक की डिजाइन और निर्माण इस तरह से किया जाएगा, जिससे इस रेल मार्ग पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी. इस परियोजना के तहत इंदौर और मनमाड के बीच कुल 34 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे. इनमें से चार स्टेशन पहले से ही मौजूद हैं. 30 नए स्टेशन बनाने की तैयारी की जाएगी. इस परियोजना के तहत अकेले मध्य प्रदेश में 18 स्टेशन होंगे. इसके अलावा रेलवे परियोजना में 7 टनल का निर्माण भी किया जाएगा. 

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पर्यावरण के लिए वरदान होगी ट्रेन 
खास बात यह है कि इस परियोजना के पूरे होने पर हर साल 138 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी.138 करोड़ किलोग्राम co2 को साढ़े पांच करोड़ पेड़ सोखते हैं. इस मात्रा से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये हमारे पर्यावरण को शुद्ध रखने में कितना बड़ा योगदान देने वाली है. मुख्यमंत्री ने इस रेलवे परियोजना की सौगात प्रदेश को देने के लिए प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को अपना आभार व्यक्त किया.

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