Muslims के लिए महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला! क्यों खराब है माली हालत? ये कंपनी करेगी स्टडी
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Muslims के लिए महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला! क्यों खराब है माली हालत? ये कंपनी करेगी स्टडी

TISS Study On Muslims: मुसलमानों (Muslims) की आर्थिक और सामाजिक हालत खराब क्यों है, ये जानने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने स्टडी का जिम्मा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (Tata Institute of Social Sciences) को दिया है.

मुस्लिमों की माली हालत जानने के लिए स्टडी

Status Of Muslims: महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने मुस्लिमों (Muslims) की सामाजिक और आर्थिक हालत सुधारने के लिए बड़ा कदम उठाया है. महाराष्ट्र सरकार ने ये स्टडी करवानी शुरू की है कि आखिर मुस्लिम समुदाय के लोगों की आर्थिक और सामाजिक रूप से हालत खराब क्यों है? बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिमों की सामाजिक और आर्थिक हालत की स्टडी करने की जिम्मेदारी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (Tata Institute of Social Sciences) को दी है. महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिमों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर स्टडी के लिए 33.92 लाख रुपये आवंटित कर दिए हैं.

इन मुद्दों पर केंद्रित होगी स्टडी

बता दें कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले अल्पसंख्यक विकास विभाग की तरफ से यह अध्ययन शुरू किया गया है. प्रस्ताव के अनुसार, 'यह स्टडी महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जीवन स्तर, वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने पर केंद्रित होगी.' ये स्टडी महाराष्ट्र के 56 शहरों में की जाएगी.

अगले चार महीने में पेश की जाएगी रिपोर्ट

स्टडी में मुस्लिम समुदाय की बहुलता वाले इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास, वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं के लाभों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की तरफ से इन पहलुओं का अध्ययन करके और संबंधित क्षेत्र के विशिष्ट मुद्दों की पहचान कर इस संबंध में सिफारिशें करने की संभावना है. सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि अगले चार महीने में इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश की जाएगी.

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ऐसे करेगी स्टडी

इसके अलावा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया है. शहरों में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करने के लिए इंटरव्यू और सामुदायिक सर्वे का अध्ययन और प्रस्तुत किया जाना है.

(न्यूज़ एजेंसी भाषा और ANI के इनपुट के साथ)

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