Manipur Violence के बीच CRPF का बड़ा फैसला, कोबरा कमांडो की हत्या के बाद दिए ये निर्देश
Advertisement
trendingNow11682672

Manipur Violence के बीच CRPF का बड़ा फैसला, कोबरा कमांडो की हत्या के बाद दिए ये निर्देश

Cobra Commando Killing: मणिपुर (Manipur) में हिंसा के बाद अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं. हिंसा के दौरान छुट्टी पर अपने घर गए सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो की हत्या कर दी गई है, जिसके बाद सुरक्षाबल ने बड़ा फैसला लिया है.

Manipur Violence के बीच CRPF का बड़ा फैसला, कोबरा कमांडो की हत्या के बाद दिए ये निर्देश

Manipur Violence Latest Update: देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) की आग में जल रहा है और हालात इतने खराब हैं कि मणिपुर (Manipur) सरकार ने हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है. मणिपुर में हिंसा के बाद अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं. इस बीच, सीआरपीएफ ने मणिपुर के अपने कर्मियों और छुट्टी पर अपने होम स्टेट गए कर्मियों को निर्देश दिया कि वो ‘तत्काल’ फैमिली समेत नजदीकी सिक्योरिटी बेस पर रिपोर्ट करें. बता दें कि सिक्योरिटी फोर्स ने ये कदम मणिपुर हिंसा के बीच अपने एक कोबरा कमांडो की हत्या के बाद उठाया है. अफसरों ने बताया कि सीआरपीएफ का एक कोबरा कमांडो छुट्टी पर था. मणिपुर के चुराचांदपुर में हथियार के साथ आए हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी थी.

हिंसा की आग में क्यों जल रहा मणिपुर?

बता दें कि इस हिंसा की शुरुआत 3 मई को हुई थी. इस दिन मणिपुर की आदिवासी छात्र यूनियन ने एक मार्च निकाला था. ये मार्च मणिपुर में मैतेई समुदाय को आदिवासी जनजाति यानी ST कैटेगरी में शामिल करने की मांग के खिलाफ था. ये मार्च मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हुआ था, जिसमें कई हजार आदिवासी प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे. मार्च के दौरान आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई और फिर ये हिंसा बढ़ती ही चली गई.

घर छोड़ भागने को मजबूर हुए 9 हजार लोग

जान लें कि राजधानी इंफाल समेत कई जिलों में हिंसा और आगजनी की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आने लगीं. जगह-जगह घरों को जला दिया गया. वाहनों को आग लगा दी गई. हिंसा पर उतारू भीड़ ने जगह-जगह तोड़-फोड़ मचाई. हालात इतने खराब हो गए कि मणिपुर सरकार ने 3 मई की रात को केंद्र से मदद मांगी, जिसके बाद मणिपुर के हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना और सशस्त्र बलों को तैनात किया गया. हिंसा के बाद अब तक 9 हजार से ज्यादा लोगों को विस्थापित किया जा चुका है. कई लोगों की जानें गई हैं लेकिन, राज्य सरकार अभी ये बताने की स्थिति में नहीं है कि हिंसा में कितने लोगों की जान गई है और कितने लोग जख्मी हुए हैं.

आदिवासी और गैर-आदिवासी क्यों बने दुश्मन?

गौरतलब है कि मणिपुर में हिंसा को कंट्रोल किया गया है लेकिन हिंसा अभी तक पूरी तरह थमी नहीं है. लेकिन आखिर मणिपुर में हिंसा भड़की क्यों? मणिपुर में आदिवासी और गैर आदिवासी एक दूसरे के दुश्मन क्यों बन गए? दरअसल ये नौबत मणिपुर हाईकोर्ट के एक आदेश के चलते आई है. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वो मणिपुर के गैर जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की मांग पर विचार करे और चार हफ्ते में अपना जवाब दे.

मणिपुर हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मणिपुर के ST समुदाय भड़क गए खासकर नगा और कुकी समुदाय. जिन्होंने ही 2 मई को आदिवासी एकता मार्च निकाला था. जिसके बाद से पूरे मणिपुर में आदिवासी समुदाय और मैतेयी समुदाय के बीच खूनी झड़प हो रही हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले ताज़ा ख़बर अभी पढ़ें सिर्फ़ Zee News Hindi पर| आज की ताजा ख़बर, लाइव न्यूज अपडेट, सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ वेबसाइट Zee News हिंदी|

जरूरी खबरें

10 साल की दुश्मनी में गिरीं 9 लाशें, MP के लेपा गांव की खूनी लड़ाई की इनसाइड स्टोरी
चटोरों की आ गई मौज, स्ट्रीट फूड को लेकर सरकार ने की ऐसी तैयारी, जानकर हो जाएंगे खुश

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news