करी पत्ता के नाम पर गांजे की तस्करी, ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर चल रहा था काला कारोबार
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करी पत्ता के नाम पर गांजे की तस्करी, ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर चल रहा था काला कारोबार

मध्य प्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां करी पत्ता के नाम पर गांजे की डिलीवरी की जा रही थी. इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

सांकेतिक तस्‍वीर

भिंड: ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट के जरिए करी पत्ता के नाम पर गांजे (Marijuana) की तस्करी करने के एक केस का खुलासा हुआ है. यह ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फूड प्रोडक्टस की भी डिलीवरी करता है. लेकिन फूड प्रोडक्टस के नाम पर अवैध सामान की तस्करी करने से कंपनी पर काफी सवाल उठ रहे हैं. इसी मामले में मध्य प्रदेश के भिंड में पुलिस ने शनिवार को गांजे की ऑनलाइन बिक्री करने वाले एक गिरोह का खुलासा करते हुए 2 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 20 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा बरामद किया है.

  1. करी पत्ते के नाम पर गांजे की तस्करी
  2. मध्य प्रदेश में गिरोह का हुआ भंडाफोड़
  3. ऑनलाइन साइट पर कर चुके हैं 1 टन गांजा सप्लाई 

2 आरोपियों को किया गिरफ्तार

भिंड के पुलिस अधीक्षक (SP) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर कल्लू पवैया (30) और ढाबा मालिक बृजेंद्र तोमर (35) को शनिवार को भिंड के ग्वालियर रोड से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से 20 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया. 20 किलो गांजे की ये खेप विशाखापत्तनम से ई कॉमर्स साइट के जरिए मंगवाई गई थी. 

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करी पत्ता के नाम पर बेचते थे गांजा

पुलिस ने बताया, ‘कल्लू ने विशाखापत्तनम में अपनी फर्म को फर्जी पैन नंबर और जीएसटी नंबर से एक प्रतिष्ठित ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी में करी पत्ता (Curry tree) बेचने के लिए पंजीकृत (Register) कर रखा था. इसके जरिए करी पत्ते के नाम पर ग्वालियर, भोपाल, कोटा, आगरा और देश के अन्य हिस्सों में गांजा मंगवाया जाता था. बृजेंद्र इस व्यवसाय में कल्लू की मदद करता था.’

करोड़ों का कारोबार कर चुके हैं तस्कर 

यह तस्करी पहली बार नहीं हुई है इससे पहले भी कल्लू अब तक 1 करोड़ 10 लाख रुपये का कारोबार कर 1 टन गांजा बेच चुका है. बता दें कि कल्लू ने फर्जी PAN नंबर और GST नंबर आदि के साथ अपनी कंपनी चलाई और ई-कॉमर्स कंपनी को भी इस कारोबार में 66.66% का लाभ मिला. तस्करी करने वाला गिरोह एक प्रमुख ई कॉमर्स कंपनी के जरिए अपने काम को अंजाम दे रहा था. इसके जरिए इस कंपनी को भी दो तिहाई लाभ मिल रहा था.

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पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस तरह मादक पदार्थ के कारोबार के लिए अपना मंच प्रदान करने के लिए क्या ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है, इसकी जांच की जा रही है.

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