UP Politics: समाजवादी पार्टी (SP) के नेताओं को पैदल मार्च के दौरान रोके जाने को लेकर मायावती (Mayawati) ने बीजेपी (BJP) को घेरने की कोशिश की और कहा कि धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है.
Trending Photos
Mayawati support to Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार के विरोध में पार्टी कार्यालय से विधानसभा तक पैदल मार्च का आयोजन किया, लेकिन अनुमति नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने इसे रोक दिया. इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) का साथ मिला और करीब 3 साल बाद उन्होंने अखिलेश के पक्ष में कोई बात कही.
सपा का नाम लिए बिना मायावती ने किया समर्थन
मायावती (Mayawati) ने तीन ट्वीट किए और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) या समाजवादी पार्टी (SP) का नाम लिए बिना बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. समाजवादी पार्टी के नेताओं को पैदल मार्च के दौरान रोके जाने को लेकर मायावती ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की और कहा कि धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है.
मायावती ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर कहा, 'विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है. साथ ही, बात-बात पर मुकदमे और लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक.'
1. विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक।
— Mayawati (@Mayawati) September 20, 2022
दूसरे ट्वीट में मायावती (Mayawati) ने कहा, 'इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है, वह अनुचित और निन्दनीय. यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की मांग.
मायावती (Mayawati) ने तीसरे ट्वीट में कहा, 'महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है.'
3. महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।
— Mayawati (@Mayawati) September 20, 2022
2019 में सपा-बसपा ने साथ लड़ा था चुनाव
बता दें कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (SP-BSP) ने 2019 में मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव में हार के बाद दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं. अब मायावती के ट्वीट के बाद एक बार फिर इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या अखिलेश यादव और मायावती एक बार फिर साथ आएंगे.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर