क्या बाबा महाकाल के उज्जैन से चलेगा दुनिया का वक्त? मोहन यादव ने ग्रीनविच टाइम पर छेड़ दी चर्चा
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क्या बाबा महाकाल के उज्जैन से चलेगा दुनिया का वक्त? मोहन यादव ने ग्रीनविच टाइम पर छेड़ दी चर्चा

Mohan Yadav: उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन में सबसे पुरानी वेधशाला निर्मित हुई थी. चूंकि उज्जैन जीरो मेरिडियन और कर्क रेखा के सम्पर्क में आनेवाले पाइंट पर है. इस कारण उज्जैन ही पहले दुनियाभर का टाइम तय करता था.

क्या बाबा महाकाल के उज्जैन से चलेगा दुनिया का वक्त? मोहन यादव ने ग्रीनविच टाइम पर छेड़ दी चर्चा

Greenwich Time Zone: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री एकदम एक्टिव मोड में हैं. वे जबसे एमपी के सीएम बने हैं तभी से अपने तेजतर्रार अंदाज के लिए चर्चा में बने हुए हैं. इसी कड़ी में उन्होंने एक ऐलान किया है और कहा है कि वे एक नई रिसर्च करा रहे हैं जिससे उज्जैन के टाइम स्टैंडर्ड पर कुछ बड़ा किया जा सके. हाल ही में उन्होंने विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार प्राइम मेरिडियन को इंग्लैंड के ग्रीनविच से उज्जैन तक ट्रांसफर करने के लिए काम करेगी. अभी प्राइम मेरिडियन देशांतर की रेखा कोसमय के लिए वैश्विक संदर्भ के रूप में उपयोग किया जाता है. इसके बाद इस बयान की चर्चा पूरे देश में होने लगी और लोग इतिहास का हवाल देने लगे कि क्या वास्तव में उज्जैन के साथ प्राचीन काल में ऐसा ही था. क्योंकि मान्यताओं में उज्जैन को दुनिया का सबसे पहला शहर माना जाता है.

ऑब्जरवेट्री की व्यवस्था कर रहे
असल में एमपी सीएम मोहन यादव का कहना है कि देश के लिए स्टैंडर्ड टाइम की गणना कैसे की जाए, वे इस पर रिसर्च करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उज्जैन की 300 साल पुरानी 5 ऑब्जरवेट्री के साथ एक और ऑब्जरवेट्री की व्यवस्था कर रहे हैं. साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग इन ऑब्जरवेट्री की मदद से ये रिसर्च कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन में सबसे पुरानी वेधशाला निर्मित हुई थी. चूंकि उज्जैन जीरो मेरिडियन और कर्क रेखा के सम्पर्क में आनेवाले पाइंट पर है. इस कारण उज्जैन ही पहले दुनियाभर का टाइम तय करता था. उन्होंने कहा कि फिलहाल टाइम गड़बड़ चल रहा है. इस कारण हम दुनिया के टाइम को ठीक करने के लिए उज्जैन की वेधशाला में शोध करेंगे.

ग्रीनविच टाइम क्या है, भारत का इससे संबंध जानिए
असल में ग्रीनविच टाइम एक काल्पनिक रेखा है. यह ब्रिटेन के ग्रीन विच रिसर्च सेंटर से हो कर जाती है. इसके द्वारा समय निर्धारण किया जाता है. इसमें दिन की शुरुआत ब्रिटेन से मानकर उसमें जीएमटी के घंटे जोड़ दिए जाते हैं. जैसे भारत का मानक समय जीएमटी से 5:30 आगे है. हम इसको +जीएमटी 5:30 लिखते हैं. अगर ब्रिटेन में रात के 12 बजे है तो हमरे यह यहां सुबह का 5:30 बज रहा होता है. जीएमटी को सालाना औसत कहा जाता है, जिस अवधि में सूर्य इंग्लैंड स्थित ‘रॉयल ऑब्जर्वेटरी ग्रीनविच’ से होकर गुजरता है. इसे साल 1884 में ठीक आज के दिन ही मान्यता दी गई थी और 1972 तक यह ‘अंतर्राष्ट्रीय सिविल टाइम’ का मानक बन गया था. असल में यह प्रक्रिया शुरू हुई थी 16वीं शताब्दी से, जब पेंडुलम का अविष्कार हुआ था.

मान्यताओं के मुताबिक हजारों साल पहले भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन कालगणना का केंद्र हुआ करती थी. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन ने शिप्रा नदी के पूर्वी व उत्तरी तट पर सूर्य मंदिरों की स्थापना की थी. कर्क रेखा के आसपास स्थित इन मंदिरों को समय की गणना का केंद्र माना गया है. खगोलविद् भी मानते हैं कि उज्जैन समय के निर्धारण का प्राचीनतम स्थान रहा है. 

घोषणापत्र रामायण और गीता की तरह
इसके अलावा विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र रामायण और गीता की तरह है और आश्वासन दिया कि पिछली सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं प्रदेश में जारी रहेंगी. नवगठित विधानसभा में बुधवार को हुए राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ‘लाडली बहना’ कार्यक्रम का जिक्र नहीं होने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी की है. प्रदेश की 16वीं विधानसभा का चार दिवसीय पहला सत्र बृहस्पतिवार को संपन्न हो गया और इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण पर भाजपा के विधायक कैलाश विजयवर्गीय द्वारा पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव का उन्होंने जवाब दिया. 

'लाडली लक्ष्मी' से लेकर अन्य सभी योजनाएं जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा चलाई जा रही 'लाडली लक्ष्मी' से लेकर अन्य सभी योजनाएं जारी रहेंगी और तय तारीख पर लाभार्थियों के खातों में राशि अंतरित की जाएगी .” जब विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने विशेष रूप से ‘लाडली बहना’ योजना के बारे में पूछा, तो यादव ने कहा कि सभी योजनाएं जारी रहेंगी. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रमुख योजना ‘लाडली बहना’ पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,250 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है और विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा ने इस राशि को धीरे-धीरे बढ़ाकर तीन हज़ार रुपये करने का वादा किया था. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि कोई भी सरकारी योजना बंद नहीं की जाएगी.

'उज्जैन के राजा ने अयोध्या राम मंदिर बनवाया था
मोहन यादव ने यह भी कहा कि 2000 साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या जाकर राम मंदिर बनवाया था. उन्होंने कहा कि इसका जिक्र हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के लिए लोगों की अयोध्या जाने में मदद करेगी. उन्होंने विपक्षी दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर के निर्माण में बाधाएं खड़ी कीं और भगवान राम के अस्तित्व पर भी सवाल उठाया. 

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