Project Cheetah: भारत में नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए हैं. नामीबिया से लाई गई एक पांच वर्षीय मादा चीता की पिछले महीने मौत हो गई है
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Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के अब नए नाम रखे दिए गए हैं. पीएम मोदी द्वारा 25 सितंबर, 2022 को अपने मन की बात कार्यक्रम में चीता परियोजना को आम जनता में लोकप्रिय बनाने और लोगों को इसके प्रति संवेदनशील बनाने के इरादे से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के लिए नए नामों के सुझाव देने को कहा था.
नामबियाई चीतों के नए नाम
नामीबिया से लाई मादा चीता अशा का नाम आशा, सवाना का नभा, तिबलिसी का धात्री, सियाया का ज्वाला रखा गया है. वहीं, नर चीता ओबान का नाम पवन, एल्टन का नाम गौरव और फ्रेडी का नाम अब शौर्य रखा गया है. बता दें कि ओबान का नाम पीएम मोदी ने रखा था.
दक्षिण अफ्रीकी चीतों के नए नाम
कूनो नेशनल पार्क में साउथ अफ्रीका से लाए गए चीतों का भी नाम बदल दिया गया है. अफ्रीका से आई मादा चीते का नया नाम अब दक्षा रखा गया है. वहीं, नर चीते का नाम वायु और अग्नि रखा गया है. मंत्रालय ने बताया कि वाटरबर्ग रिजर्व से लाई गई वयस्क मादा का नाम धीरा, वयस्क नर का नाम उदय, प्रभास और तीसरे चीते का नाम पावक नाम रखा गया है.
चीतों के नए नामों के लिए रखी गई प्रतियोगिता
चीतों के नामकरण को लेकर भारत सरकार के मंच mygov.in पर 26 सितंबर से 31 अक्टूबर, 2022 तक एक प्रतियोगिता इस बारे में आयोजित की गई थी. नए नामों की सलाह देने के लिए कुल 11,565 एंट्री प्राप्त हुई थीं.
पीएम मोदी ने दी विजेताओं को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उस प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई दी, जिसमें नागरिकों से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों के ने नाम के बारे में सुझाव मांगे गए थे. पीएम मोदी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के उस ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें उन्होंने एक वीडियो के जरिए प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की घोषणा की थी.
दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते
इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए 12 चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) के बड़े बाड़ों में छोड़ा गया है. सात नर और पांच मादा चीतों को 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से यहां लाकर पहले केएनपी के पृथकवास के तहत बाड़े में रखा गया था.
नामीबिया से लाए गए आठ चीते
पिछले साल सितंबर में आठ चीतों की पहली खेप को अफ्रीका के नामीबिया से केएनपी में लाया गया था. भारत में इन जानवरों के विलुप्त होने के सात दशक बाद देश में फिर से इन्हे बसाने की योजना ‘‘प्रोजेक्ट चीता ’ के तहत अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण किया गया. देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था.
एक नामीबियाई मादा चीते की मौत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को 17 सितंबर 2022 को केएनपी में छोड़ा. पिछले महीने में नामीबिया से लाई गई पांच वर्षीय मादा चीता साशा की किडनी संबंधी बीमारी से मौत हो गई.
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