केंद्र सरकार ने बढ़ाया राज्यसभा का सत्र, विपक्ष बोला- हमसे बिना पूछे क्यों बढ़ाया
Advertisement
trendingNow1486955

केंद्र सरकार ने बढ़ाया राज्यसभा का सत्र, विपक्ष बोला- हमसे बिना पूछे क्यों बढ़ाया

लोकसभा में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण और सिटीजन चार्टर बिल 2016 में संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को पेश किया गया है.

सवर्णों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया है. (फोटो सौजन्य: ANI)

नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा शिक्षा और रोजगार में आर्थिक रूप से कमजोर गैर-आरक्षित (सवर्ण) वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक मंगलवार (8 जनवरी) को लोकसभा में पेश किया गया. इन सबके बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा का सत्र एक दिन बढ़ाने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में मंगलवार को विपक्ष के नेताओं ने संसद में धरना दिया. विपक्ष के नेताओं ने संसद भवन के पास स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एकत्रित होकर केंद्र सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया.

 

fallback

 

केंद्र सरकार ने एक दिन के लिए बढ़ा दिया है राज्यसभा का सत्र
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी दलों से बिना बातचीत के ही राज्यसभा का सत्र बढ़ा दिया. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा का सत्र बढ़ाने के लिए किसी विपक्षी दल से बातचीत नहीं की. उन्होंने कहा कि राज्यसभा का सत्र एक दिन के लिए बढ़ाने का फैसला केंद्र सरकार ने सर्वसम्मति से नहीं लिया है. बता दें कि लोकसभा में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण और सिटीजन चार्टर बिल 2016 में संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को पेश किया गया है. इस पर लोकसभा में बहस जारी है.

सिटीजन चार्टर बिल 2016 संविधान संसोधन विधेयक
लोकसभा में सिटीजन चार्टर बिल 2016 में बहस के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन विधेयक सिर्फ असम के लिए या किसी खास देश से आने प्रवासियों की बेहतरी के लिए नहीं है. यह बिल उन प्रवासियों के लिए भी है, जो पश्चिमी सीमाओं से आए हैं और राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में बस गए हैं. बहस के दौरान कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया.

आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का संविधान संसोधन विधेयक
सवर्णों को आरक्षण देने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश कर दिया है. इस पर शाम 5 बजे से बहस होगी. इस पर बहस में सरकार को कई छोटे और अहम दलों ने समर्थन दिया है. इनमें एनसीपी, एसपी, एनसीपी, बीएसपी जैसे दल शामिल हैं. हालांकि कांग्रेस और एआईएमआईएम जैसे दलों का रुख साफ नहीं है. इस मुद्दे पर होने वाली बहस में सरकार की ओर से अरुण जेटली, निशिकांत दुबे और नंद किशोर चौहान हिस्‍सा लेंगे.

Trending news