गुरुवार को पालघर के गड चिंचले मॉब लिचिंग मामले में 101 आरोपियों को डहाणू कोर्ट में पेश किया गया था जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.
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हर्षल पाटिल, पालघर: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) से सटे पालघर (Palghar) में 2 साधुओं और ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या (Mob Lynching) मामले में कोर्ट ने 101 आरोपियों को 14 दिन की पुलीस हिरासत में भेज दिया है. गुरुवार को पालघर के गड चिंचले मॉब लिचिंग मामले में 101 आरोपियों को डहाणू कोर्ट में पेश किया गया था जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. बता दें कि आरोपियों की पुलीस कस्टडी आज (30 अप्रैल को) खत्म हो रही थी इसलिए उन्हें डहाणू कोर्ट में पेश किया था.
19 अप्रैल को पालघर में घटी इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था. लॉकडाउन (Lockdown) के बीच दोनों साधु अपने गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे. रास्ते में पालघर के कासा पुलिस स्टेशन के गडचिंचले गांव में लोगों ने साधुओं और उनके ड्राइवर को पीट-पीटकर मार डाला. पुलिस तमाशा देखती रही.
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संत समाज में भारी आक्रोश
अखिल भारतीय संत समाज ने संतों की हत्या में मिशनरी और नक्सलियों के गठजोड़ का आरोप लगाया है. संत समाज के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने पीटर डेमिलो पर संतों की हत्या के दोषियों को बचाने का आरोप लगाया. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी ट्वीट कर पीटर डेमिलो पर संतों के हत्यारों को बचाने का आरोप लगाया था.
इससे पहले रविवार को संत समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर पालघर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. चिट्ठी में नक्सलियों और मिशनरी के संबंधों की बात लिखी गई है. संत समाज ने कहा था कि उसे महाराष्ट्र सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है.
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