नई दिल्ली: ये दुनिया अजब-गजब बातों और रहस्यों से भरी पड़ी है. जिनके बारे में कई बार ऐसी जानकारी भी मिलती है कि उस पर हैरत करें या विश्वास समझ नहीं आता. अपने भारत में भी ऐसी कई जगहें हैं जिसके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता है. इस कड़ी में देश के कुछ गांवों (Mystery villages of India) के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां की मान्यताएं और परंपराएं अलग होने के साथ बाहर से आने वालों यानी सैलानियों (Tourists) पर कई तरह के प्रतिबंध लगाती हैं.
जब भी भूतों का जिक्र होता है तो हमारे रोंगटे खड़े हो जाते है. ये एक ऐसी चीज है कि आप इस पर विश्वास करें या न करें लेकिन कुछ अजीबोगरीब घटना होने पर किसी को भी एकबार डर लग सकता है. इस जगह का नाम है डुमस बीच. आस-पास के लोगों का कहना है कि यहां अजीब सी घटनाएं होती हैं. हालांकि इन घटनाओं का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है फिर भी लोग इन पर विश्वास करते हैं और यहां पर जाने से कतराते हैं. लोगों का कहना है कि इस बीच पर आत्माओं का निवास है. इसलिए ये बीच और इसके करीब बसा इलाका वीरान रहता है.
केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित कोडिन्ही गांव में पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे जुड़वां होते है. पूरी दुनिया में 1000 बच्चों पर 4 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन इस रहस्यमयी गांव में 1000 बच्चों पर 45 बच्चे पैदा होते हैं. औसत के हिसाब से यह पूरी दुनिया में दूसरा तथा एशिया में पहला है. इस मामले चीन-पाकिस्तान भी पीछे है. भारत के केरल स्थित इस मुस्लिम बहुल गांव की कुल आबादी 2000 है. इनमें से 250 से ज्यादा जुड़वां लोग हैं. ऐसे में आपको इस गांव में, स्कूल में और पास के बाजार में कई हमशक्ल बच्चे नजर आ जाएंगे.
कर्नाटक के मत्तूरु गांव के शिमोगा जिले के आम दुकानदार से लेकर मजदूर तक संस्कृत में बात करते और समझते हैं. एक ओर देश की एक फीसदी से कम आबादी संस्कृत बोलती है वहीं दूसरी ओर गांव के सभी लोगों का संस्कृत बोलने के अलावा हर घर में एक इंजीनियर होना भी दुनिया के लिए कौतूहल का विषय है. मट्टूर गांव को 'संस्कृत गांव' के नाम भी जाना जाता है. विशेषज्ञों की मानें तो संस्कृत सीखने से गणित और तर्कशास्त्र का ज्ञान बढ़ता है और दोनों विषय बड़ी आसानी से समझ आ जाते हैं.
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बसा मलाणा (Malana Village) ऐसा ही एक रहस्यमयी गांव है. इस गांव के लोग ऐसी रहस्यमयी भाषा में बात करते हैं, जो वहां के लोगों के अलावा दुनिया में कहीं ओर नहीं बोली जाती है. इस गांव के लोग खुद को यूनानी सम्राट सिकंदर (Alexander) के सैनिकों का वंशज मानते हैं. कहते हैं कि जब सिकंदर ने हिंदुस्तान पर हमला किया तो कुछ सैनिक यहीं बस गए थे. यहां लोग कनाशी नाम की भाषा बोलते हैं जो मलाणा के अलावा दुनिया में कहीं और नहीं बोली जाती.
राजस्थान के जैसलमेर जिले के कुलधरा गांव में कई राज दफन है. यह गांव पिछले 170 सालों से वीरान है. वो गांव जो रात ही रात में वीरान हो गया और लोग लंबे समय तक नहीं समझ पाए कि इसके वीरान होने का राज क्या था. कहा जाता है कि यह गांव रूहानी ताकतों के कब्जे में है. कुलधरा में एक खामोश गलियारे में उतरती कुछ सीढ़ियां भी हैं, कहते हैं शाम ढलने के बाद अक्सर यहां कुछ आवाजें सुनाई देती हैं. रहस्यमय परछाई दिखती है. गांव के खाली होने की कहानी एक रियासत के दीवान की गंदी नीयत और गांव वालों के सम्मान से जुड़ी है. जिसकी रक्षा के लिए एक साथ पांच हजार से ज्यादा लोगों ने एक साथ पलायन कर दिया था.
कोलकाता से करीब 587 किमी दूर स्थित कुर्सियांग पश्चिम बंगाल (West Bengal) के चुंनिंदा सबसे खूबसूरत पर्वतीय क्षेत्रों में है. खूबसूरत पहाड़ियों की बीच बसा कुर्सेओंग समुद्र तल से करीब 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस हिल स्टेशन को बसाने का श्रेय भारत में अंग्रेजों को जाता है. कुर्सियांग के आसपास कई खूबसूरत पहाड़ियां हैं, जिनमें से एक है डॉव हिल्स (Dow Hills). अपनी नेचुरल ब्यूटी के अलावा ये पहाड़ी अपने भूतिया अनुभवो के लिए भी कुख्यात है. बहुत कम लोग इस तथ्य से वाकिफ होंगे कि यहां कई ऐसी जगह हैं जहां लोगों ने असामान्य अनुभवों/नेगेटिव एनर्जी का सामाना किया है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़