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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार (23 फरवरी) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, IIT खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह के दौरान संस्थान के छात्रों और शिक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने आईआईटी खड़गपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का भी उद्घाटन किया. कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी मौजूद रहे.
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'आज का दिन आईआईटी खड़गपुर के सिर्फ उन विद्यार्थियों के लिए अहम नहीं है, जिनको डिग्री मिल रही है. आज का दिन नए भारत के निर्माण के लिए भी उतना ही अहम है.' उन्होंने आगे कहा, 'वर्तमान स्थिति पर नजर रखते हुए, आपको भविष्य का अनुमान भी लगाना चाहिए. छात्रों को उन आवश्यकताओं पर काम करना चाहिए जो 10 साल बाद पैदा हो सकती हैं, भविष्य के लिए नवाचार कर रही हैं.'
पीएम मोदी ने कहा, 'इंजीनियर होने के नाते एक क्षमता आपमें विकसित होती है और वो है चीजों को पैटर्न से पेटेंट तक ले जाने की क्षमता. यानि एक तरह से आपमें विषयों को ज्यादा विस्तार से देखने की दृष्टि होती है. समस्याओं के पैटर्न को समझना हमें दीर्घकालिक समाधान की ओर ले जाता है. यह समझ नई खोजों और सफलताओं का केंद्र बन जाती है.'
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पीएम मोदी ने कहा, 'जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर आपके सामने कई सवाल भी आएंगे. ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं हो जाएगा, समय बर्बाद तो नहीं हो जाएगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे. इन सवालों का उत्तर है- सेल्फ थ्री (Self Three). पहला- सेल्फ अवेयरनेस, दूसरा- सेल्फ कॉन्फिडेंस और तीसरा- सेल्फलेसनेस. आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ें.'
पीएम मोदी ने कहा, 'आप सभी, साइंस, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले हैं, वहां जल्दबाजी के लिए कोई स्थान नहीं है. आपने जो सोचा है, आप जिस इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता ना मिले. लेकिन आपकी उस असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप उससे भी कुछ सीखेंगे.'
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