Power Consumption: आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 8 महीनों में दिसंबर ऐसा महीना रहा है जिसमें बिजली की खपत सबसे कम हुई है. दिसंबर महीने में बिजली की खपत 2.3 फीसदी कम हुई है.
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Electricity Consumption: पिछले आठ महीनों मे ऐसा पहली बार हुआ है कि बिजली की खपत में 2.3 फीसदी की गिरावट देखी गई. दिसंबर महीने में यह घटकर 119.07 अरब यूनिट रही है. सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले साल बिजली की खपत 1.5 प्रतिशत घटकर 132.02 अरब यूनिट रही थी. दिसंबर 2022 में बिजली खपत 121.91 अरब यूनिट थी. इससे एक साल पहले इसी महीने में 109.17 अरब यूनिट के मुकाबले अधिक थी.
हल्की सर्दी कारण कम हुई खपत
बिजली की अधिकतम मांग दिसंबर में 213.62 गीगावाट रही. जबकि, 2022 में यह 205.10 गीगावाट और दिसंबर, 2021 में 189.24 गीगावाट थी. जानकारों की मानें तो दिसंबर के पहले पखवाड़े में हल्की सर्दी के कारण बिजली की खपत के साथ-साथ मांग भी कम रही. विशेष तौर से उत्तर भारत में महीने की दूसरे पखवाड़े में पारे में तेजी से गिरावट के बाद खपत और मांग बढ़ी.
कब रही बिजली की अधिकतम मांग?
सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो बिजली की अधिकतम मांग 29 दिसंबर को 213.62 गीगावाट पर पहुंच गई. यह तीन दिसंबर को 174.16 गीगावाट थी. यह 14 दिसंबर, 2023 को 200.56 गीगावाट पर पहुंच गई. बिजली मंत्रालय ने देश में बिजली की मांग गर्मियों में 229 मेगावाट पर पहुंचने का अनुमान जताया था. हालांकि, बेमौसम बारिश के कारण मांग अप्रैल-जुलाई के दौरान इस स्तर पर नहीं पहुंची.
क्या कहते हैं जानकार?
बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट पहुंच गई, जो जुलाई में 209.03 गीगावाट थी. अगस्त में अधिकतम मांग 238.82 गीगावाट और सितंबर 2023 में 243.27 गीगावाट रही. अक्टूबर और नवंबर में यह 222.16 गीगावाट और 204.86 गीगावाट रही. जानकारों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ने और ठंड बढ़ने के साथ आने वाले महीनों में बिजली की खपत में वृद्धि की संभावना है.
(इनपुट: एजेंसी)