केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा - अब उपग्रह के जरिये होगी जंगलों की निगरानी
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा - अब उपग्रह के जरिये होगी जंगलों की निगरानी

केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देशभर में जहां किसी प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों को काटा गया है, उसकी जगह पर उससे ज्यादा पेड़ों को लगाया जाएं.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा - अब उपग्रह के जरिये होगी जंगलों की निगरानी

नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज देशभर के राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ दिल्ली में बेहद महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक का मुख्य मकसद था देशभर के राज्यों को कैंपा फंड के तहत जो 54  हजार करोड़ केंद्र सरकार देने जा रही है, उसका उपयोग कैसे जंगलों को बढ़ाने के लिए किया जाए. केंद्र सरकार का कहना है कि 54000 करोड़ का फंड सभी राज्यों में बांटा जा रहा है और केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस फंड का उपयोग राज्यों में पेड़ पौधों को लगाने के लिए किया जाए जिससे वनीकरण को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जा सके. 

इस लिहाज से दिल्ली में यह बैठक बुलाई गई. 4 महीने के भीतर यह दूसरी बैठक है. केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देशभर में जहां-जहां किसी काम के लिए किसी निर्माण के लिए किसी प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों को काटा गया है, जंगलों को काटा गया है, उसकी जगह पर उससे ज्यादा पेड़ों को लगाया जाएं. उससे ज्यादा वनीकरण किया जाए. उसी के तहत तमाम राज्यों को फंड दिया जा रहा है. आज की बैठक में 12 राज्यों के पर्यावरण मंत्री मौजूद थे. इसके अलावा, अलग-अलग राज्यों के पर्यावरण सचिव और पर्यावरण से जुड़े तमाम अधिकारी बैठक में मौजूद रहे. 

बैठक में कई राज्यो की तरफ से अलग अलग सुझाव भी दिए गए. यह तय  हुआ कि अब जो आगे पौधे लगाए जाएंगे लगाए जाएंगे. इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि वह पौधे पेड़ के रूप में तब्दील हो उनको कोई नुकसान ना हो और इसकी निगरानी भी हो. केंद्र ने तय किया है कि जो राज्य जंगल लगाएंगे. उनकी निगरानी उपग्रह के जरिए होगी जिससे ये सुनिश्चित हो सकेगा कि पेड़ जो लगाए गए है उनको कोई नुकसान तो नही हो रहा. 

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पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उपग्रह के जरिए निगरानी करके इस बात को राज्यों के साथ भी शेयर किया जाएगा कि जो पौधे लगाए जा रहे हैं, जो पेड़ हुए हैं, वह पूर्ण रूप से जंगल में तब्दील हो. ऐसा ना हो कि नाम के लिए ही पौधे लगाए गए हो लिहाजा इस बैठक में सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. 

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