वाराणसी में आयोजित होगा प्रवासी भारतीय दिवस, उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे PM मोदी
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वाराणसी में आयोजित होगा प्रवासी भारतीय दिवस, उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे PM मोदी

कार्यक्रम के तीसरे दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 15वां प्रवासी भारतीय दिवस 21 से 23 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा और इसमें भाग लेने वाले भारत वंशियों के पास कुंभ मेले और गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेने का मौका होगा. 

विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने यहां आयोजन के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस 1915 में महात्मा गांधी के भारत लौटने के उपलक्ष्य में हर साल नौ जनवरी को मनाया जाता है. लेकिन इस साल भारत वंशियों के सदस्यों के कुंभ मेले और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के आग्रह को ध्यान में रखते हुए इसमें विलंब किया गया.

सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश इस कार्यक्रम के लिए साझेदार राज्य होगा और इस बार की अनूठी बात 'वाराणसी की मेहमाननवाजी' की अवधारणा होगी जिसके तहत स्थानीय लोग विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों की अपने घर में 'परिवार के मेहमान' के तौर पर मेजबानी करेंगे.

प्रथम दिन का मुख्य आकर्षण युवा प्रवासी भारतीय दिवस होगा जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को आधिकारिक उद्धाटन में भाग लेंगे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीन जगन्नाथ होंगे. कार्यक्रम के तीसरे दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगे.

लोगों को कुंभ मेले में भी ले जाया जाएगा
इसके बाद लोगों को सड़क मार्ग से प्रयागराज में कुंभ मेले में ले जाया जाएगा और वहां से ट्रेन से वे गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए 25 जनवरी को दिल्ली आएंगे. सिंह ने कहा,'इस बार प्रवासी भारतीय दिवस का दायरा बहुत व्यापक है. अभी तक दुनियाभर से भारतीय समुदाय ने 5,000 पंजीकरण कराए हैं.'

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है. सभी मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजे गए हैं और उनमें से कई के कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है. इस कार्यक्रम के फायदे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप भारत वंशियों की पहुंच अभूतपूर्व रूप से दुनियाभर में हुई. 

(इनपुट - भाषा)

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