हाईकोर्ट ने विशाल डडलानी और पूनावाला को लगाई फटकार, लगाया 10 लाख का जुर्माना
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हाईकोर्ट ने विशाल डडलानी और पूनावाला को लगाई फटकार, लगाया 10 लाख का जुर्माना

मामले में डडलानी ने बाद में चंडीगढ़ जाकर जैन मुनि से माफी मांग ली थी. इसके बाद डडलानी ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया था.

फाइल फोटो

चंडीगढ़: जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में बॉलीवुड संगीतकार विशाल डडलानी और तहसीन पूनावाला को बड़ी राहत देते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ 28 अगस्त, 2016 को अंबाला में दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया है. इस एफआईआर को रद्द करवाने के लिए डडलानी और पूनावाला द्वारा दायर याचिका को मंजूर करते हुए जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने दोनों याचिकाकर्ताओं को 10-10 लाख रुपए का हर्जाना भरने के आदेश दिए हैं.

अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर दोनों याचिकाकर्ताओं द्वारा गरीब लोगों के लिए किए गए कार्यों की जैन मुनि के कार्यों से तुलना की जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि दोनों याचिकाकर्ताओं की टिप्पणी सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास थी. हाईकोर्ट ने कहा है कि देश ने पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर होने वाली बयानबाजी के चलते कई विरोध प्रदर्शन झेले है जिनमें से कुछ में सार्वजनिक संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ है. हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में जैन मुनि की अपील के चलते ऐसा कुछ नहीं हुआ. दोनों याचिकाकर्ताओं पर 10-10 लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि दोनों याचिकाकर्ता सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए भविष्य में किसी भी धर्म के खिलाफ टिप्पणी ना करें.

गौरतलब है जैन मुनि तरुण सागर द्वारा हरियाणा विधानसभा को संबोधित किए जाने पर विशाल डडलानी और तहसीन पूनावाला द्वारा सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी के चलते दोनों के खिलाफ अंबाला कैंटोनमेंट पुलिस थाने में धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में धारा 295ए, 153ए और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हरियाणा सरकार ने 26 अगस्त, 2016 को जैन मुनि तरुण सागर को हरियाणा विधानसभा को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था और अपने प्रवचन में जैन मुनि ने तत्कालीन सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर विधानसभा सदस्यों को संबोधित किया था.

हरियाणा विधानसभा में जैन मुनि को आमंत्रित किए जाने पर डडलानी और पुनावाला ने सोशल मीडिया पर धार्मिक गुरुओं को राजनीतिक मंचों पर आमंत्रित किए जाने पर आपत्ति जताई थी. सोशल मीडिया पर की गई इन टिप्पणियों को अभद्र मानते हुए पुनीत अरोड़ा की शिकायत पर अंबाला पुलिस ने यह एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, दोनों याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया था कि मुनि तरुण सागर ने स्वयं एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि अगर उनके विधानसभा को संबोधित करने से किसी को आपत्ति है तो उसे इसकी आलोचना करने का अधिकार है. 

इस दौरान जैन मुनि ने दिगंबर साधु के लाइफस्टाइल के बारे में विस्तार से बताया था कि आखिर वो कपड़े क्यों नहीं पहनते. इस मामले में अदालत द्वारा इंटरवीनर के तौर पर नियुक्त किए गए एडवोकेट संदीप जैन ने अदालत में कहा था कि दोनों याचिकाकर्ताओं के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे वे किसी अन्य जैन मुनि के खिलाफ टिप्पणी ना करें.

ज्ञात रहे जब जैन मुनि तरुण सागर महाराज के प्रवचन हरियाणा विधानसभा में हुए थे. इसके बाद विशाल ने ट्वीट कर कहा था कि 'जो लोग खुद कपड़े नहीं पहनते वे बता रहे हैं कि महिलाओं को कैसे कपड़े पहनने चाहिए.' विशाल ने ये भी कहा कि 'यदि आप ऐसे लोगों को वोट देते हैं तो ऐसी ही बेहूदा बकवास को बढ़ावा देते हैं. ये अच्छे दिन नहीं नो कच्छे दिन की शुरुआत है और कुछ नहीं.' जैन मुनि तरुण सागर पर टिप्पणी के बाद संगीतकार विशाल डडलानी का देशभर में विरोध हुआ, जिसके बाद उन्हें बैकफुट पर जाना पड़ा.

मामले में डडलानी ने बाद में चंडीगढ़ जाकर जैन मुनि से माफी मांग ली थी. इसके बाद डडलानी ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी डडलानी को ट्विटर कर फटकार लगाई थी. दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी तरुण सागर के पास जाकर उनसे माफी मांगी थी.

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