राफेल डील केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हूं: अरुण शौरी
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राफेल डील केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हूं: अरुण शौरी

शौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और वकील प्रशांत भूषण के साथ राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं में से एक हैं. 

फोटो सौजन्य: ANI

नई दिल्लीः राफेल सौदे मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने बुधवार का कहा कि वह दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र के तर्क को सर्वसम्मति से खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की आपत्ति को दरकिनार कर दिया है. इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने विशेषाधिकार का दावा किया था. 

शौरी ने से कहा, ‘‘ हम प्रसन्न है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से दिये फैसले में केंद्र सरकार के दस्तावेजों की स्वीकार्यता संबंधी अजीब तर्क को खारिज कर दिया. केंद्र सरकार के तर्क का अर्थ है कि रक्षा सौदे में कोई गलती नहीं की जा सकती.' शौरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और वकील प्रशांत भूषण के साथ राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं में से एक हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर नए दस्तावेजों को लेकर केन्द्र की आपत्तियां ठुकराई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति को ठुकरा दिया. इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने ‘‘विशेषाधिकार’’ का दावा किया था. केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विशेष दस्तावेज गैरकानूनी तरीके से हासिल किए और 14 दिसम्बर, 2018 के निर्णय को चुनौती देने के लिए इसका प्रयोग किया गया. इस फैसले में न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की एक पीठ ने कहा, ‘‘ हम केन्द्र द्वारा समीक्षा याचिका की स्वीकार्यता पर उठाई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करते हैं.’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि 14 दिसंबर को राफेल विमान की खरीद से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज करने संबंधी करने के फैसले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा.

न्यायालय ने कहा कि वह राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा. शीर्ष अदालत ने 14 मार्च को उन विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला सुरक्षित रखा था जिन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में शामिल किया था.

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