राजस्थान में 26 हजार शिक्षकों की होगी नियुक्ति, हाईकोर्ट का आदेश
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राजस्थान में 26 हजार शिक्षकों की होगी नियुक्ति, हाईकोर्ट का आदेश

यदि रीट के अंकों के आधार पर भर्ती हुई तो वर्ष 2015 में हुई रीट के अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिलेगा

कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार सरकार का धन्यवाद देने जयपुर पहुंचे

आशीष चौहान/जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 (लेवल-वन) मामले में अपील खारिज कर दी है. इसके साथ ही प्रदेश में 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. इस मामले में गत 19 जनवरी को बहस पूरी हो गई थी. कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. गौरतलब है कि इस मामले में खंडपीठ ने 23 अक्टूबर 2018 के आदेश से एकलपीठ के फैसले के आधार पर नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी थी. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इस मामले में दायर अपील खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने करीब 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति मामले में गत 19 जनवरी को राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों की बहस सुनकर मामले में फैसला बाद में देना तय किया था. 

कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार सरकार का धन्यवाद देने जयपुर पहुंचे. इस दौरान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट का धन्यवाद दिया. उनका कहना था कि सरकार यदि मजबूत पैरवी नहीं करती तो मामला कोर्ट में अटका रहता. लेकिन सरकार ने मजबूत पैरवी की और जिसका नतीजा ये रहा है कि 26 हजार बेरोजगारों को नियुक्तियां मिलने जा रही है. 

अदालती आदेश के पालन में राज्य सरकार की ओर से एजी ने शपथ पत्र पेश कर इस भर्ती में आरटेट 2011 व 2012 और रीट 2015 व 2017 के पास हुए अभ्यर्थियों का ब्यौरा दिया था. उन्होंने कहा था कि भर्ती में नॉर्मलाइजेशन करने की जरूरत नहीं है. अपील में हाईकोर्ट के 8 अक्टूबर 2018 के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें रीट के अंकों के आधार पर यह भर्ती आयोजित करने वाली प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी थी.

मामले के अनुसार, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक्सपर्ट कमेटी की ओर से तय किए उत्तरों के अनुसार ही परिणाम जारी किया था. वहीं प्रार्थियों का कहना था कि रीट-2015 में 14 अंक बोनस के लिए गए और परीक्षा परिणाम 48 फीसदी रहा. जबकि रीट-2017 में परिणाम 35 फीसदी रहा.

यदि रीट के अंकों के आधार पर भर्ती हुई तो वर्ष 2015 में हुई रीट के अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिलेगा. इसलिए भर्ती लिखित परीक्षा या स्केलिंग के जरिए हो और अंकों का नार्मेलाइजेशन किया जाए. इस मामले में खंडपीठ ने 23 अक्टूबर 2018 के आदेश से एकलपीठ के फैसले के आधार पर नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी थी. 

अपील में एकलपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018 की भर्ती केवल रीट के अंकों के जरिए करने को चुनौती देने वाली प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया था. एकलपीठ के समक्ष दायर याचिका में कहा था कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2018  की भर्ती में चयन केवल रीट के अंकों के जरिए ही रखा है. 

एनसीटीई की 11 फरवरी 2011 की अधिसूचना के अनुसार रीट के अंकों को केवल भर्ती में वरीयता दी जा सकती है. इससे पहले रीट-2015 में 14 अंक बोनस के लिए गए और परीक्षा परिणाम 48 फीसदी रहा. जबकि रीट-2017 में परिणाम 35 फीसदी रहा. यदि रीट के अंकों के आधार पर भर्ती हुई तो वर्ष 2015 में हुई रीट के अभ्यर्थियों को इसका फायदा मिलेगा, इसलिए भर्ती लिखित परीक्षा या स्कैलिंग के जरिए हो.

एकलपीठ ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एक्सपर्ट कमेटी ने रीट-2017 के प्रश्नों के विवाद का निपटारा कर दिया था और ऐसे में अब इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है. एकलपीठ के इस आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए एकलपीठ के आदेश पर जारी हुए परिणाम के आधार पर नियुक्तियां देने पर रोक लगाने का आग्रह किया गया.

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